April 25, 2024

हम बात कर रहे हैं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की. रानी लक्ष्मीबाई पर 10 साल पहले लिखी गई किताब ‘रानी’ एक बार फिर विवादों में है. यूके में रह रही लेखिका जयश्री मिश्रा ने यह किताब लिखी है.

इस किताब में रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के तत्कालीन पॉलिटकल एजेंट रॉबर्ट एलिस के बीच प्रेम प्रसंगों का जिक्र किया गया है. लेखक ने किताब की प्रस्तावना में ही लिखा है कि यह ऐतिहासिक फिक्शन है और एक प्रेम कथा है जिससे भारतीय भावनाएं आहत होंगी.

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को पूरा देश 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम की एक बेजोड़ योद्धा के रूप में जानता है. देश के हर हिस्से में रानी लक्ष्मीबाई को आदर के साथ देखा जाता है. जयश्री मिश्रा की किताब में रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के तत्कालीन पॉलिटिकल एजेंट रॉबर्ट एलिस की प्रेम कहानी बताई गई है. रानी लक्ष्मीबाई के पति के देहांत के बाद से लेकर लार्ड डलहोजी की देशी राज्यों को हड़पने की नीति के विरोध तक इस किताब में प्रेम कहानी का जिक्र है.
किताब में यहां तक लिखा है कि झांसी की रानी के साथ मित्रता पर रॉबर्ट एलिस की शिकायत कलकता स्थिति इस्ट इंडिया कंपनी के हेडक्वार्टर तक हुई. उस समय तक लॉर्ड डलहौजी नए गवर्नर जनरल बनकर आए थे और डलहौजी अपनी राज्य हड़प नीति के तहत देशी राज्यों को अधीन कर रहा था. रॉबर्ट
एलिस को अंगेज अफसरों ने झांसी की रानी से मित्रता पर फटकारा और हालात ऐसे बना दिए कि एलिस को इस्तीफा देना पड़ा. किताब में लिखा गया है कि एलिस जब पॉलिटकल एजेंट के पद से इस्तीफा दे दिया, तब विदा लेने झांसी के दरबार में आया.

किताब में लिखा है कि रॉबर्ट एलिस के जाने के बाद रानी लक्ष्मीबाई फूट फूट कर रोई थी. जयश्री मिश्रा की इस विवादित किताब पर 2008 में यूपी की तत्कलीन सीएम मायावती ने रोक लगा दी थी. यह किताब ऑनलाइन साइट्स और बुक शॉप्स पर आसानी से मिल रही है. अब पद्मावती का मुद्दा उठने के बाद इस किताब पर फिर सोशल मीडिया में विवाद शुरू हो गया है. सोशल मीडिया में कई यूजर्स इसे झांसी की रानी क अपमान बताते हुए इस पर रोक की मांग कर रहे हैं. इसके बहाने एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.