March 29, 2024

जयपुर सीरियल ब्लास्ट के सभी आरोपी बरी : जिला कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा, हाईकोर्ट ने पलटा फैसला

जयपुर। जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में बुधवार को हाईकोर्ट ने सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया। जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की बेंच ने कहा कि जांच अधिकारी को कानून की जानकारी नहीं है। वहीं राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि घटना को लेकर जनभावना जुड़ी है, लेकिन कोर्ट कानून और सबूतों के आधार पर फैसला देता है।
बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इसमें 71 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 185 घायल हुए थे। 2019 में जिला कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
48 दिनों से चल रही सुनवाई पूरी होने पर आरोपियों के वकील सैयद सदत अली ने बताया कि हाईकोर्ट ने एटीएस की पूरी थ्योरी को गलत बताया है। इसी वजह से आरोपियों को बरी कर दिया गया। वहीं, एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) राजेश महर्षि ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इसकी तैयारी कर रहे हैं।

पहले जानिए क्या थी एटीएस की थ्योरी, जिसे जयपुर हाईकोर्ट ने गलत माना?

1. एटीएस को 13 सितंबर 2008 को पहला डिस्क्लोजर स्टेटमेंट मिला, लेकिन जयपुर ब्लास्ट 13 मई 2008 को हो गया था। इस चार महीने के अंदर एटीएस ने क्या कार्रवाई की। क्योंकि इस चार महीने में एटीएस ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई साइकिलों को खरीदने के सभी बिल बुक बरामद कर ली थी तो एटीएस काे अगले ही दिन किसने बताया था कि यहां से साइकिल खरीदी गई हैं।
2. कोर्ट ने कहा कि साइकिल खरीदने की जो बिल बुक पेश की गई है, उन पर जो साइकिल नंबर हैं, वे सीज की गई साइकिलों के नंबर से मैच नहीं करते हैं। यह थ्योरी भी गलत मानी गई है।
3. कोर्ट ने एटीएस की उस थ्योरी को भी गलत माना कि आरोपी 13 मई को दिल्ली से बस से हिंदू नाम से आए हैं, क्योंकि उसका कोई टिकट पेश नहीं किया गया। साइकिल खरीदने वालों के नाम अलग हैं, टिकट लेने वालों के नाम अलग है। कोर्ट ने यह भी कहा कि साइकिल के बिलों पर एटीएस अफसरों द्वारा छेड़छाड़ की गई है।
4. एटीएस ने बताया है कि 13 मई को आरोपी दिल्ली से जयपुर आए। फिर एक होटल में खाना खाया और किशनपाेल बाजार से साइकिलें खरीदीं, बम इंप्लॉन्ट किए और साढ़े चार-पांच बजे शताब्दी एक्सप्रेस से वापस चले गए, यह सब एक ही दिन में कैसे मुमकिन हो सकता है?
5. एटीएस ने कहा था कि आरोपियों ने बम में इस्तेमाल करने वाले छर्रे दिल्ली की जामा मस्जिद के पास से खरीदे, लेकिन पुलिस ने जो छर्रे पेश किए और बम में इस्तेमाल छर्रे एफएसएल की रिपोर्ट में मैच नहीं किए।