April 24, 2024

पुलिस कस्टडी में बदमाश को मारने वाले हिस्ट्रीशीटर के दबिश : पुलिस को देखकर चिल्लाया- भाग एपी; 44 लाख रुपए, 18 मोबाइल, 22 गाडिय़ां बरामद

जोधपुर। पुलिस की कस्टडी में बदमाश सुरेश सिंह की हत्या करने के मामले में मंगलवार सुबह 4 बजे अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी गई। जोधपुर पुलिस की पाली के मनिहारी गांव में हुई कार्रवाई में हार्डकोर अपराधी जब्बर सिंह को हिरासत में लिया है।
हिस्ट्रीशीटर के यहां से पुलिस ने 44 लाख रुपए, 18 मोबाइल, 22 गाड़ियां और अन्य सामान बरामद किया है। जबकि सुरेश सिंह हत्याकांड का 1 लाख रुपए का इनामी बदमाशी अजय पाल (AP), शॉर्प शूटर हिमांशु मीणा और भरत सिंह वहां से फरार हो गए।
दरअसल, जब्बर सिंह की गुडा एंदला थाना क्षेत्र के डरी (पाली) निवासी सुरेश सिंह से रंजिश थी। सुरेश ने पाली और आस-पास के इलाकों में अपना दबदबा बनाने के लिए जब्बर सिंह के एरिया में माइंस ले ली थी। इस दौरान दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ गई। सुरेश सिंह ने जब्बर सिंह को मरवाने के लिए लॉरेंस के साथी काला जठेड़ी को सुपारी दी थी। इस बीच जब्बर सिंह को मारने के लिए शॉर्प शूटर भी भेजे गए, लेकिन वह बच गया।
इसी का बदला लेने के लिए जब्बर सिंह ने 18 दिसंबर 2021 को पुलिस कस्टडी में सुरेश सिंह की हत्या करवा दी थी। ये हत्या अजय पाल समेत उसके अन्य साथियों ने की थी। इसी को लेकर पुलिस को पिछले लंबे समय से अजय पाल और जब्बर सिंह समेत अन्य साथियों की तलाश थी।

रात दो बजे निकली पुलिस, सुबह 4 बजे दी दबिश
डीसीपी ईस्ट अमृता दुहान ने बताया कि सोमवार को सूचना मिली थी कि पाली के मनिहारी गांव में जब्बर सिंह के यहां सुरेश सिंह हत्याकांड के आरोपी अजय पाल, हिमांशु मीणा और भरत आए हुए हैं। यहां से उन्हें रात में ही उज्जैन छोड़ा जाएगा।
सूचना जोधपुर पुलिस कमिश्नर को दी गई और एडिसीपी नाजिम अली, एसीपी ईस्ट देरावर सिंह, एसीपी मंडोर राजेंद्र दिवाकर और 7 थाना अधिकारियों की टीम बनाई गई। इसमें पाली पुलिस की डीएसटी टीम (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) के साथ साइबर टीम का भी सहयोग लिया गया।
डीसीपी ईस्ट ने बताया कि मंगलवार सुबह 4 बजे मनिहारी स्थित जब्बर सिंह के घर, फार्म हाउस, माइंस और मंडली स्थित उसके भाई भंवर सिंह के घर दबिश दी गई। दबिश की सूचना पर जब्बर सिंह ने अजय पाल समेत उसके दो साथियों को वहां से भगा दिया। एक टीम काे उनके पीछे लगाया गया है। उन्होंने बताया कि टीम जब्बरसिंह को पकड़ कर जोधपुर लाई है।

पुलिस को देखकर बोला जब्बर सिंह, एपी बन्ना भागो
एडिसीपी नाजिम अली ने बताया कि जैसे ही पुलिस वहां पहुंची जब्बर सिंह को भनक लग गई थी। वह चिल्लाने लगा और कहने लगा एपी बन्ना भागो…। इतने में ही तीन लोग वहां खड़ी मोटरसाइकिल से फरार हो गए। तब टीम को पता चला कि फरार होने वाले अजय पाल समेत हिमांशु और भरत है। इस कार्रवाई के दौरान 7 टीम में 125 जवान शामिल थे।

जब्बर सिंह पर 69 मामले दर्ज
पाली के मनिहारी निवासी जब्बर सिंह हार्डकोर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 52 साल के इस बदमाश पर 69 मामले दर्ज है। 1987 में पहला मामला पाली में दर्ज हुआ था। इसके अलावा बाड़मेर, सांडेराव और रानी में भी मामले दर्ज है। 8 मामले ट्रायल पर चल रहे हैं।
बता दें सुरेश हत्या कांड मामले में पुलिस ने जब्बरसिंह और उसके एक बेटे प्रवीण को गिरफ्तार किया था। जब्बर सिंह इस मामले में जमानत पर था। अब पुलिस ने उसे अजयपाल काे शरण देने और भगाने के मामले में फिर से गिरफ्तार किया है।
दूसरी बार फरार हुआ इनामी बदमाश, जेल में मिला था लॉरेंस की गैंग से
पाली के डरी गांव निवासी सुरेश सिंह पहले नेतागिरी करता था और सरपंच का चुनाव लड़ा था। फिर आरटीआई कार्यकर्ता बनकर लोगों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। पाली के ही एक फॉरेस्ट अफसर से आरटीआई के नाम पर रंगदारी मांगी थी।
इस बीच एक लड़की से रेप के मामले में जेल हुई और उसे जोधपुर शिफ्ट किया गया था। जोधपुर सेंट्रल जेल में उसकी मुलाकात कई गैंगस्टर से हुई थी। इससे वो प्रभावित हुआ और आनंदपाल जैसा गैंगस्टर बनने के सपने देखने लगा था।
जेल से छूटते ही उसने अवैध हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी थी। पाली में सुरेश सिंह ने अपना डर दिखा मनिहारी के पास अपने नाम की माइंस अलॉट करवा ली थी। मनिहारी की माइनिंग एरिया में जब्बर सिंह का दबदबा था। सुरेश उसके प्रभाव को कम कर खुद डॉन बनना चाहता था। ऐसे में उसने जब्बर सिंह के दुश्मनों को अपने साथ शामिल किया था। उसकी हत्या के लिए उन्हीं से मोटा पैसा वसूला था।