April 19, 2024

मासूम से रेप के आरोपी को फांसी की सजा : ढाई साल की बच्ची का गला घोंटकर कुएं में फेंका था, बेटी को यादकर रोया पिता

चित्तौड़गढ़। ढाई साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट में जैसे ही फैसला सुनाया गया बच्ची का पिता फूट-फूट कर रोने लगा। रोते हुए कोर्ट का आभार जताया और कहा- ‘दुष्कर्मी को फांसी ही होनी चाहिए थी।’ वारदात के करीब 11 महीने बाद शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ की पोक्सो कोर्ट संख्या-1 ने फैसला सुनाया है।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर शोभा लाल जाट ने बताया कि 21 अप्रैल 2022 को बस्सी थाना क्षेत्र के एक गांव में ढाई साल की बच्ची अपनी मां के साथ शादी समारोह में आई थी। शादी में रमेश पुत्र नानूराम धाकड़ निवासी किशनपुरा, बीगोद (भीलवाड़ा) भी आया था।
उसने नशे में एक छोटे बच्चे को उठाकर कुकर्म की कोशिश की थी। बच्चे के चिल्लाने पर उसे छोड़ दिया था। इसके बाद ढाई साल की बच्ची को उठाकर ले गया था। बच्ची को सुनसान जगह पर ले जाकर रेप किया और गला घोंटकर कुएं में फेंक दिया था।

पुलिस ने 9 दिन में ही किया था चालान पेश
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 दिन में ही चालान पेश किया था। उन्होंने बताया कि पोक्सो कोर्ट संख्या एक के पीठासीन अधिकारी ने पूरे मामले की सुनवाई की। रमेश धाकड़ को दोषी मानते हुए अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है। आईपीसी की धारा 302 में उसे फांसी की सजा सुनाई है। 17 हजार रुपए आर्थिक दंड भी लगाया गया है।

फूट-फूट कर रोया पिता
फैसले के बाद कोर्ट में मौजूद बच्ची के पिता फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा- ‘आज मेरी बेटी को न्याय मिला है। फैसले से संतुष्ट हूं। बेटी की कमी हमेशा रहेगी और वह दुबारा नहीं आएगी, लेकिन किसी दूसरे पिता को अपनी बेटी को खोने का दर्द महसूस नहीं होगा। यह एक ऐतिहासिक फैसला है, इससे दुष्कर्मी पर डर बना रहेगा।’ उन्होंने कहा कि मुझे पुलिस और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और आज उसकी जीत हुई है। उन्होंने बताया उनका एक सात साल का बेटा है, जिसकी परवरिश में वह पूरी तरह ध्यान लगा रहे हैं।

23 गवाह और 90 डाक्यूमेंट्स हुए पेश
पीड़ित की तरफ से वकील एसपी सिंह राठौड़ ने कहा कि आज न्याय की जीत हुई है। पुलिस ने भी बहुत जल्द कार्रवाई कर चार्ज शीट बहुत स्ट्रांग बनाई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ित की तरफ से 23 गवाह, 90 डाक्यूमेंट्स और 14 आर्टिकल पेश किए गए थे।
इसके चलते आरोपी को आईपीसी 302 की धारा में फांसी की सजा और पोक्सो की धारा में अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिले में पोक्सो कोर्ट बनने के बाद यह पहला फांसी का फैसला है। जानकारी के अनुसार 40 साल पहले हत्या मामले में फांसी की सजा दी गई थी।