April 24, 2024

राजस्थान में एमआई-17 हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग : जोधपुर से फलोदी जा रहे 20 एयरफोर्स जवानों की सांसें हवा में अटकीं
बालेसर (जोधपुर)। जोधपुर में इंडियन एयरफोर्स के एमआई-17 हेलिकॉप्टर की रविवार को इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। दो घंटे बाद तकनीकी खामी को दूर कर हेलिकॉप्टर को फलोदी हवाईपट्टी पहुंचाया गया। हेलिकॉप्टर को जोधपुर से करीब 50 किमी दूर पीलवा-देचू रोड के पास खुले ग्राउंड में उतारा गया। एमआई-17 जोधपुर से फलोदी जाने के लिए निकला था। हेलिकॉप्टर में पायलट समेत 20 एयरफोर्स के जवान थे। रविवार शाम 3.30 बजे हेलिकॉप्टर में तकनीकी खामी के चलते देचू पुलिस थाना इलाके के पीलवा गांव में इमरजेंसी लैंडिंग की गई। वहां गांव वाले जुट गए। मामले की जानकारी मिलते ही लोहावट और देचू पुलिस मौके पर पहुंच गई और लोगों की भीड़ को मौके से हटाया। पूरे मामले को लेकर वायुसेना के अधिकारियों को सूचित किया गया। पुलिस एवं प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पीलवा-देचू रोड से 300 मीटर अंदर दुर्गाराम मेघवाल के खेत में हेलिकॉप्टर को उतारा गया था। हेलिकॉप्टर को नजदीक में उड़ते देखकर आसपास के लोग दौड़कर आए। तब तक हेलिकॉप्टर सुरक्षित लैंडिंग कर चुका था। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई। वायुसेना के अधिकारियों एवं तकनीकी टीम को घटना के बारे में सूचित किया गया। इसके बाद वायुसेना के जवान तकनीकी अधिकारियों की टीम का इंतजार करने लगे। स्थानीय निवासी विजय सिंह पीलवा ने कहा कि खेत में उतरा हेलिकॉप्टर लोगों के लिए कौतुहल का विषय बना रहा। इसलिए भीड़ जुट गई। लोहावट थाना इंचार्ज बद्री प्रसाद मीणा ने बताया कि रविवार दोपहर ग्रामीणों से सूचना मिली कि पीलवा में एक किसान के खेत में सेना का हेलिकॉप्टर उतरा है। तुरंत मौके पर फोर्स के साथ पहुंचे थे। वासुसेना से मिली जानकारी के अनुसार, हेलिकॉप्टर सुरक्षित रूप से फलोदी हवाईपट्टी पहुंच गया। फिलहाल हेलिकॉप्टर व वायुसेना के जवान सुरक्षित हैं। घटनास्थल के वीडियो भी सामने आए हैं। वीडियो में टेल नंबर जेडएम 2967 वाला हेलिकॉप्टर विंग तकनीकी जांच के बाद नॉर्मल तरीके से उड़ान भरता दिखाई दे रहा है।
प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति की उड़ान में होता है उपयोग
एमआई-17 हेलिकॉप्टर वायुसेना के बेड़े के सबसे शक्तिशाली माना जाता है। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत वीवीआईपी की उड़ान में इनका उपयोग होता है। इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल वायुसेना सियाचिन ग्लेशियर, पूर्वी लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले दूर-दराज के इलाकों के लिए करती है।