March 29, 2024

पेपर लीक प्रकरण के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण सहित चार गिरफ्तार, चार हजार से ज्यादा फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट बरामद

जयपुर। करणी विहार थाना पुलिस ने विभिन्न संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए नकल गिरोह के सरगना सहित चार जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी अशोक विजय 15 साल से इस कारोबार को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से करीब चार हजार से अधिक फर्जी डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेट डिप्लोमा, माइग्रेशन सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने उनके पास से विभिन्न संस्थाओं की 64 मोहरे, स्टाम्प, हॉलोग्राम, 2 नबंरिग मशीन आदि बरामद किए हैं।
डीसीपी (पश्चिम) वंदिता राणा ने बताया कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सक्रिय नकल गिरोह के अभियुक्त एलची सारण पत्नी भूपेन्द्र सारण, इन्दुबाला पत्नी गोपाल सारण, मोटाराम पुत्र पुरखाराम, दिनेश कुमार खींचड़ पुत्र जालाराम, रमेश कुमार खीचड़पुत्र भागीरथ विश्नोई के कब्जे से फर्जी डिग्रीया और सर्टिफिकेट मिलने पर 27 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। जिसका मुख्य सरगना चितलाना जालौर हाल रजनी विहार करणी विहार निवासी भूपेन्द्र सारण को हाई सिक्योरिटी कारागृह घूघराघाटी अजमेर में न्यायिक अभिरक्षा में था। पुलिस ने आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ कर गिरफ्तार किया।

पुलिस पूछताछ में भूपेन्द्र ने बताया कि ईमलीवाला फाटक के पास स्थित गणेश नगर ज्योति नगर निवासी अशोक विजय से यह फर्जी डिग्रीया, मार्कशीट, सर्टिफिकेट लेता था। उक्त जानकारी के आधार पर अशोक विजय की तलाश की गई एवं अशोक विजय तथा उसके इस कार्य में सहायक गणेश कॉलोनी ईमलीवाला फाटक निवासी कैलाश सिसोदिया को तलाश कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद किए।

नकल का मामला सामने आने पर शिफ्ट कर लिया था कार्यालय
पुलिस पूछताछ में अशोक विजय और कैलाश ने बताया कि हाल ही में नकल प्रकरण चर्चा में होने के कारण उन्होंने अपना ऑफिस सांगानेर जयपुर में शिफ्ट कर लिया। इस पर अभियुक्त अशोक विजय के मनभर मैरिज गार्डन सांगानेर जयपुर में पहुंचकर वहां पर बने ऑफिस से लगभग 50 विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए पेज शीट रिम, स्याही (इंक) की शीशियां मिली जिन्हें जब्त कर लिया गया।

यह लोग भी हुए गिरफ्तार
अशोक विजय ने पूछताछ के दौरान विभिन्न संस्थानों में यह कार्य अजय भारद्वाज और प्रमोद सिंह की सहायता से करवाता है। इस पर पुलिस ने एल.एन नगर सी गांधीपथ करणी विहार निवासी अजय भारद्वाज और नागपुर महाराष्ट्र हाल कुचेरा नागौर निवासी प्रमोद सिंह को अपराध में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया।

15 साल से ज्यादा समय से कर रहे थे काम
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अशोक विजय 15 से 20 साल से विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों का प्रवेश करवाने का काम करता है। शुरु में यह कार्य कुछ मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए करता था, जब उसने देखा कि बाहर की अधिकतर शैक्षणिक संस्थाए प्रक्रिया की पालना किए बिना ही डिग्री दे रही है तो उसने स्वयं अपने स्तर पर डिग्री और सर्टिफिकेट देना शुरू कर दिया। आरोपी पेज मेकर और कोरल ड्रा के जरिए हुबहू नकल तैयार कर उन्हीं एनरोलमेंट नम्बर और अन्य विविरणों के आधार पर फर्जी डिग्री मार्कशीट बना देता है। आरोपी के कम्फ्यूटर से 25 से अधिक साफ्टवेयर मिले हैं।