March 29, 2024

मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल ने पिछले दिनों 35 साल की एक महिला की एक्सिडेंट में मौत होने के बाद आरोपी और बीमा कंपनी को महिला के परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया। उनके पति ने बाइक चालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 6 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी। बीमा कंपनी ने यह कहकर बीमा देने से इनकार कर दिया था कि फातिमा कमाती नहीं थीं, इसलिए उनकी वार्षिक आय का आकलन नहीं किया जा सकता। ट्राइब्यूनल ने कंपनी के तर्क को सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक गृहिणी की मासिक आय 4 हजार 500 रुपये प्रति माह मानी जाए, जो कि घरों में काम करने वाली मेड की मासिक वेतन के अनुसार निर्धारित की गई थी। हालांकि ट्राइब्यूनल ने ये भी कहा, ‘हम पत्नी, मां और बहन की सेवा को घर में काम करने वाली महिला से तुलना नहीं कर सकते, लेकिन कठोर सच्चाई यही है कि मुझे इस महिला की वार्षिक आय का आकलन करने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है।’