April 19, 2024

पायलट की कुश्ती और गहलोत की कबडडी में कहीं उल्टा न पड़ जाए वेणु का बाण

जयपुर। कांग्रेस आलाकमान राजनीतिक त्रिकोण में फंसी गई है। आलाकमान को समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। एक तरफ तो गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, दूसरी तरफ भारत जोड़ो यात्रा और तीसरी तरफ राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री का खेल। ऐसे में राजस्थान के रण में कौन सा तीर चलाएं।

कांग्रेस जहां पार्टी के कायापलट के लिए पैदल यात्रा कर रही है तो वहीं राजस्थान में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पार्टी में ही उलट पुलट करने पर अमादा हैं। ऐसे में एक बार फिर से वेणु गोपाल आलाकमान का बाण लेकर जयपुर पहुंच रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आलाकमान के ये तीरंदाज राजस्थान की राजनीति में कैसे बाण का संधान करते हैं। जिससे हर विघटन को रोका जा सके।

गौरतलब है कि सितंबर में पार्टी पर्यवेक्षकों के बेरंग लौटने के बाद गहलोत और पायलट खेमों ने एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। ऐसे में पार्टी की किरकिरी को देखते हुए आलाकमान को एडवाइजरी जारी कर दोनों पक्षों को बयानबाजी से बचने को कहा था। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आदेश जारी किया था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोर्चा खोल दिया है।

कुश्ती पर भारी पड़ रही कबडडी
एक तरफ कुश्ती के शौकीन सचिन पायलट सीधे दो दो हाथ करने को तैयार हैं तो दूसरी तरफ मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी राजनीति को कबडडी खिला रहे हैं। वह आलाकमान हों या फिर स्थानीय विधायक हर पाला पढ़ाने में उस्ताद साबित हो रहे हैं। राजनीति के गलियारों में यह बताया जाता है कि पिछले कुछ सालों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोते जादू के बजाय कबडडी का खेल ज्यादा पसंद करते हैं। इस खेल की खासियत ही यही है कि पाले पर हाथ पहुंचने से पहले किसी को पीछे से खींच लो या जरूरत पड़े तो आगे से ही रोक लो।

एक दिन में छह बार गददार कहा
यह अलग बात है कि इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे से आकर पाला नहीं छूने दे रहे हैं। एक दिन में ही गहलोत ने सचिन पायलट को छह बार सीधे सीधे गददार कहा। अब तक यह खेल पीछे से चल रहा था लेकिन अब यह खेल खुले तौर पर खेला जा रहा है। गहलोत के अंदाज ने बता दिया है कि उन्होंने राजनीति के सारे विकल्प खुले रखें हैं।