March 28, 2024

गहलोत सरकार पर सियासी संकट के बीच विधायकों की बल्ले- बल्ले, जमकर मिली तबादलों की छूट

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच इन दिनों सबसे ज्यादा मौज विधायकों की हो रही है। प्रदेश में जबसे सियासी घमासान शुरू हुआ है तब से ही विधायकों को सरकार में प्राथमिकता मिलने लगी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि 2 सप्ताह पहले तक जो विधायक तबादले नहीं होने का रोना रो रहे थे, अब उन्हीं विधायकों को तबादले करने की जमकर छूट दी गई है।
सूत्रों की मानें तो सरकार में इन दिनों विधायकों की डिजाइर पर मनमर्जी से तबादले किए जा रहे हैं, दिलचस्प बात तो यह है कि मंत्रियों को भी इस प्रकार के निर्देश दिए गए हैं कि वो विधायकों के कामों और तबादलों को प्राथमिकता पर रखें।

तबादलों में प्राथमिकता मिलने से खुश हैं विधायक
दरअसल सियासी संकट के बाद तबादलों में बंपर छूट मिलने से विधायक भी खुश नजर आ रहे हैं, और उनके मनमाफिक तबादले हो रहे हैं। बीते 6 दिनों के भीतर अकेले शिक्षा और चिकित्सा विभाग में हजारों की संख्या में तबादले किए गए हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग, ऊर्जा विभाग, यूडीएच जैसे विभाग में भी तबादलों की जम्बो सूची जारी हो चुकी है।

गहलोत गुट के मंत्री भी दे रहे विधायकों को अहमियत
सियासी घटनाक्रम के बीच गहलोत गुट के माने जाने वाले मंत्री भी इन दिनों विधायकों को तबादलों में अहमियत दे रहे हैं और विधायकों के मनमाफिक जगहों पर चेहेतों के तबादले किए जा रहे हैं।

विधायकों की नाराजगी नहीं लेना चाहते मोल
बताया जाता है कि राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते हैं। तमाम विधायक उन्हें समर्थन देते रहें, इसके लिए सीएम गहलोत ने अपने तमाम मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि विधायकों के पेंडिंग कामों को नहीं रोका जाए और तबादलों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाए। गौरतलब है कि हाल ही में गहलोत गुट से जुड़े 92 विधायकों ने सीएम गहलोत के समर्थन में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा दे दिया था, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार कहते आ रहे हैं जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाई थी उन्हें सरकार में तवज्जो दी जाएगी।

2 माह से चल रहा है तबादलों का दौर
दिलचस्प बात तो यह है कि आम तौर पर सरकार में तबादले 1 माह के लिए खोले जाते हैं और उसके बाद तबादलों पर रोक लग जाती है लेकिन उस पर तबादलों की प्रक्रिया चलते हुए 2 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक भी इस पर रोक नहीं लगाई जा रही है।
हालांकि पहले पहले यह माना जा रहा था कि सितंबर माह के अंत में तबादलों पर रोक लग जाएगी लेकिन जिस तरह से प्रदेश में सियासी संकट गहराया है उसके बाद तबादलों पर रोक नहीं लगाई है और विधायकों को भी सियासी संकट का फायदा लेने का मौका मिल गया।