April 18, 2024

चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर हमला : बैरिकेड तोड़े; तलवार-डंडों से पीटा; सिख कैदियों की रिहाई की कर रहे थे मांग

चंडीगढ़। पंजाब के मोहाली में सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी बुधवार को उग्र हो गए। चंडीगढ़ में घुसने को लेकर उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान जमकर पथराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने तलवारें निकाल लीं। जिसे देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया।
इससे भड़के प्रदर्शनकारियों ने चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर डाली। प्रदर्शनकारी इस कदर उग्र हो गए कि उन्होंने तलवारें और डंडे दिखाकर पुलिस को खदेड़ दिया।
कुछ पुलिसकर्मी भी इस हिंसक वारदात में जख्मी हुए हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। माहौल बिगड़ता देख पुलिस के सीनियर अफसर मौके पर पहुंचे। चंडीगढ़ में धारा 144 लगा दी गई है। प्रदर्शनकारी अभी भी मोहाली में इकट्‌ठा हैं। वहीं चंडीगढ़ पुलिस भी हाई अलर्ट पर है।
चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि 12 प्रो-खालिस्तानी संगठन 7 जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले चंडीगढ़-मोहाली बैरियर के पास पक्का मोर्चा लगाए हुए हैं। बुधवार को हुई हिंसा में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए। इनमें 7 महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस मामले में सेक्टर 36 थाने में क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है।

CM के घर जाना चाहते थे प्रदर्शनकारी
सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई के लिए मोहाली में चंडीगढ़ बॉर्डर पर 7 जनवरी से प्रदर्शन चल रहा है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के CM के घर कूच का ऐलान कर दिया। इसका पता चलते ही चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी।
प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग के पास आ गए। उन्होंने बैरिकेड हटाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। जिसके बाद उन्होंने तलवार और डंडे निकाल लिए। पुलिस को पीछे धकेलते हुए वे चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश करने लगे। यह देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

तलवारों से हमला कर रहे निहंग
लाठीचार्ज के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें मोहाली बॉर्डर पर निहंग पुलिस की गाड़ियों को टारगेट करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वे तलवारें मारकर गाड़ियों को तोड़ते दिख रहे हैं। इस पहुंचे।

तलवारें, रॉड और घोड़ों पर निहंग
DGP ने बताया कि कई प्रदर्शनकारियों के पास हथियार और डंडे, राड थे। कई अन्य खतरनाक हथियार भी इनके पास थे। प्रदर्शनकारियों ने रोके जाने पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ प्रदर्शनकारी घोड़ों पर सवार होकर आए जिनमें निहंगों के दल भी थे। उनके पास भी हथियार थे। तलवारों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं।

हथियारों समेत कैसे जुटे यह विचार का विषय
चंडीगढ़ DGP ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन दिया था, मगर किस तरह प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ बार्डर तक हथियारों समेत पहुंचे यह विचार का विषय है। इस घटना के पीछे DGP ने कौमी इंसाफ मोर्चा को जिम्मेदार बताया। DGP ने कहा कि पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं और आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

13 पुलिसकर्मी घायल, अस्पताल में भर्ती
जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के हमले में 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज सेक्टर 16 गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल में चल रहा है। इनमें 4 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

हाथ, सिर, आंख, पैर में आई चोटें
घायलों में ASI, हेड कॉन्स्टेबल, कॉन्स्टेबल और होमगार्ड वालंटियर भी शामिल हैं। इनके हाथ, सिर,आंख, पैर आदि पर चोटें आई हैं। इन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सेक्टर 34 थाना, बुड़ैल चौकी, पलसौरा, IRB, सेक्टर 39 थाना, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) में थी। वहीं हमले में SSP और IGP के PSO को भी चोटें आई हैं।

घायलों में ये शामिल
घायलों की पहचान ASI सुरिंदर कौर, ASI सतपाल, होमगार्ड जवान रवि कुमार, कॉन्स्टेबल सोनू कुमार, सीनियर कॉन्स्टेबल हरदीप कौर, हेड कॉन्स्टेबल सुनीता, कॉन्स्टेबल प्रदीप, हेड कॉन्स्टेबल मंजू बाला, कॉन्स्टेबल रोहताश कुमार, हेड कॉन्स्टेबल अवीजित राय, इंस्पेक्टर राज पाल, कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार और ASI रमेश कुमार शामिल हैं।

पुलिस पर उकसाने के आरोप लगाए
वहीं कौमी इंसाफ मोर्चा का कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस ने बेवजह उन पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज कर उकसाया। उनका प्रदर्शन शांतिमय तरीके से चल रहा था। इस घटना के लिए प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह चंडीगढ़ पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन उनके प्रदर्शन को खराब करने की कोशिश कर रहा है।