April 20, 2024

थानाधिकारी की हत्या के प्रयास में एसपी का बेटा गिरफ्तार : कार से कुचलने की कोशिश की, थानेदार जीजा-पुलिस अधिकारी पिता की धौंस भी दिखाई

अजमेर। अजमेर के क्रिश्चयनगंज थाना प्रभारी करण सिंह की हत्या के प्रयास केस में आरोपी प्रवीण सिंह ने मंगलवार रात कोतवाली थाने में सरेंडर कर दिया। प्रवीण जैसलमेर में तैनात पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत का बेटा है। 1 फरवरी को ही पुष्कर में इसकी शादी हुई है। शादी समारोह में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़, जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदेव सहित कई जानी-मानी हस्तियां आशीर्वाद देने पहुंची थीं।
मामला 26 जनवरी का है। आईजी के निर्देश पर इसकी रिपोर्ट 29 जनवरी को दर्ज हुई। जांच एएसपी भंवर रणधीर सिंह को सौंपी गई। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी हो गई थी। इससे आरोपी पर दबाव बढ़ा और उसने सरेंडर किया।

भाई के साथ पहुंचा सरेंडर करने
एडिशनल एसपी ने बताया कि मंगलवार रात प्रवीण अपने भाई के साथ कोतवाली थाने के बाहर पहुंचा। स्पेशल टीम के हेड कांस्टेबल मनोहर सिंह और सिपाही महिपाल से संपर्क किया। पुलिस के दोनों जवान वहां पहुंचे और प्रवीण ने खुद को पुलिस के हवाले किया। प्रवीण ने पूछताछ में बताया कि वह पुलिस के द्वारा अलग-अलग जगहों पर दबिश देने के कारण जयपुर, जोधपुर, सीकर सहित कई जिलों में फरारी काट रहा था। बुधवार को प्रवीण को कोर्ट में पेश कर आगे की जांच की जाएगी।

कार में बैठकर युवती के साथ शराब पी रहा था
क्रिश्चियनगंज थाना प्रभारी करण सिंह 26 जनवरी को पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में साइकिलिंग कर रहे थे। भैरूबाड़ा चौराहा के सामने स्थित सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल के पास सुनसान सड़क पर एक स्विफ्ट डिजायर कार में युवक और युवती बैठे शराब पी रहे थे।
संदिग्ध लगने पर करण सिंह ने उससे पूछताछ की। युवक ने खुद का नाम प्रवीण नाथावत बताया। साथ ही, कहा कि मेरे पापा भंवर सिंह नाथावत एसपी हैं। मेरे जीजा भी थानेदार हैं। आरोप है कि युवक ने गाली देते हुए धमकी दी। कहा- तेरे जैसे बहुत सीआई देखे हैं। तू मेरे को जानता नहीं है। मेरा नाम भी प्रवीण नाथावत है। ​​​​युवक ने गाड़ी तेज चलाकर साइकिल को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। करण सिंह बाल-बाल बच गए।
प्रवीण गाड़ी को तेज गति से चलाता हुआ भैरूबाडा चौराहे की तरफ भाग गया। फिर अपने साथ बैठी लड़की को छोड़कर वापस आया। उसने कहा- जीजा कंवर पाल सिंह भी थानेदार हैं। मेरा नाम प्रवीण नाथावत है। तेरे को जो करना है, वो कर लेना।

तीन दिन बाद दर्ज हुआ था मामला
यह पूरा मामला 26 जनवरी का है। इसकी रिपोर्ट 29 जनवरी को दर्ज हुई। बताया जा रहा है कि शुरुआत में पुलिस भी इसको लेकर पीछे हट रही थी। बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो अजमेर आईजी रुपेंद्रसिंह के निर्देश पर यह मामला दर्ज हुआ और इसकी जांच एएसपी भंवर रणधीर सिंह को दी गई है।

आरोप साबित हुए तो दो से दस साल तक की सजा
मामले में प्रवीण नाथावत के खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 353 और 307 के तहत मामला दर्ज हुआ है। इन धाराओं में यदि आरोप साबित हुए तो दो साल से दस साल तक की सजा हो सकती है। धारा 332 लोक सेवक के कार्य में बाधा पहुंचाने और लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की है।
इसमें आरोपी के खिलाफ साक्ष्य प्रमाणित होने पर बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। यदि आरोप साबित होते हैं तो दो साल तक की सजा हो सकती है। इसी प्रकार धारा 353 के तहत लोक सेवा के दौरान आरोपी द्वारा हमला करना शामिल है।