April 19, 2024

कमरे में बेटे की लाश लटकी रही, घरवाले बेखबर रहे : 2 दिन पहले किया सुसाइड; बदबू आने पर अनहोनी की हुई आशंका

जयपुर। कमरे में 2 दिन से जवान बेटे की लाश फंदे से लटकती रही और घरवालों को खबर तक नहीं लगी। इस बात पर यकीन भले न हो, पर जयपुर में ऐसा ही हुआ है। पुलिस मान रही है कि 23 जून को युवक ने सुसाइड किया है। 25 जून की सुबह घर वालों को कमरे की ओर से बदबू आने लगी तो किसी अनहोनी की आशंका हुई। पिता ने शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे कॉल किया। फोन नहीं उठा तो आशंका और गहरा गई। कमरे में गए तो फंदे से लाश लटकी थी। किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है। उसके मोबाइल से पूरी हिस्ट्री डिलीट है। सिर्फ पिता के नंबर का मिस कॉल है।

घरवालों से दूरी
कहा जा रहा है कि बेटे की पिता से सिर्फ फोन पर बात होती थी। एक ही घर में रहकर युवक घरवालों से दूर-दूर रहता था। वह अपने ही कमरे में अपनी धुन में रहा करता था। मोबाइल पर ज्यादा समय व्यस्त रहता था। गेम ज्यादा खेलता था। इसलिए घरवाले भी ज्यादा करीब नहीं गए। खाना कब खाता, कब घर से बाहर निकलता था। इसकी जानकारी भी कम ही हो पाती थी। फिलहाल घरवालों का यही तर्क है। पुलिस जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

सुबह किया कॉल
हरमाड़ा थाने के हेड कांस्टेबल गणेश राम ने बताया कि नींदड हरमाड़ा निवासी भूपेन्द्र सिंह (18) पुत्र नरेन्द्र कुमार मीणा ने सुसाइड किया है। भूपेन्द्र ने अभी 12वीं क्लास पास की थी। घर में मां-पिता के अलावा बाबा-दादी भी रहते हैं। शनिवार सुबह करीब पौने सात बजे भूपेंद्र के पिता ने कॉल उसे किया। दरअसल, घर में उसके कमरे की ओर से बदबू आ रही थी। इसलिए घरवालों के मन में कुछ आशंका हुई। बार-बार कॉल करने के बाद भी मोबाइल नहीं उठाया। बेटे को बुलाने के लिए कमरे का गेट खटखटाया तो अंदर से बंद मिला। काफी आवाज लगाने के बाद भी गेट नहीं खोला। परिजनों ने धक्का देकर गेट खोला। कमरे में रस्सी के फंदे से भूपेन्द्र लटका मिला। परिजनों की सूचना पर हरमाड़ा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने FSL टीम की मदद से सबूत जुटाए। उधर, भूपेंद्र के पिता खेती-किसानी करते हैं।

जरूरत पर पिता को कॉल करता था
नरेन्द्र कुमार ने कहा- भूपेन्द्र ज्यादातर अपने ही कमरे में रहता था। घर से ज्यादा बाहर नहीं जाता और न ही किसी से बातचीत करता था। 23 जून की शाम भूपेंद्र ने मुझे कॉल किया था। उसने बाथरूम में पानी नहीं होने की जानकारी दी थी। इसके बाद उससे कोई बातचीत नहीं हुई थी। वह ज्यादा समय अपने ही कमरे में बिताता था, इसलिए परिवार वाले भी ज्यादा गौर नहीं करते थे। वह खाना भी कब खाता था, किसी को पता नहीं चलता था। ज्यादा खाना खाता ही नहीं था। वह घर में ही बिस्कुट-नमकीन रखा करता था। किसी चीज की जरूरत होने पर पिता को कॉल करता था।

हजम नहीं हो रही कहानी
अभी तक पुलिस जितनी जानकारी दे रही है, वह हजम नहीं हो रहा। तमाम सवालों के जवाब अभी पुलिस को ढूंढने हैं। भूपेन्द्र के मोबाइल में पिता के मिस कॉल के अलावा कुछ नहीं मिला है। सभी मैसेज, कॉल लिस्ट व डायरेक्टरी डिलीट मिली है। माना जा रहा है कि 23 जून की रात ही भूपेन्द्र ने सुसाइड कर लिया था। दो दिन से उसका शव कमरे में फंदे से लटक रहा था।

5 कमरों का मकान
5 कमरों के मकान में भूपेंद्र का कमरा सबसे अंतिम छोर पर था। घर में मम्मी-पापा और दादा-दादी के साथ रहता था। उसका बड़ा भाई जयपुर से बाहर रहकर प्राइवेट जॉब करता है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि वह खाना भी कम खाता था। भूख लगने पर खुद की खाना लेकर खा लेता था। हरमाड़ा पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से सबूत जुटाए हैं।