April 23, 2024

पेपरलीक मामले की नहीं होगी सीबीआई जांच : धारीवाल ने कहा- 8 साल तो इन्वेस्टिगेशन चलता रहेगा, कटारिया बोले- पेपरलीक के डाकू बाहर घूम रहे

जयपुर। विधानसभा में पेपरलीक मुद्दे पर बहस के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। धारीवाल ने कहा- इस मामले को अगर सीबीआई को दिया गया तो क्या होगा? 8 साल तो इन्वेस्टिगेशन चलता रहेगा और जो सारे दस्तावेज हैं वे सब सीबीआई ले जाएगी। फिर 15 साल तक भर्ती परीक्षाएं नहीं हो पाएगी। स्टूडेंट्स का भविष्य खराब हो जाएगा।
पेपरलीक मामले में तेजी से जांच करवाई जा रही है और इसकी डे-टू-डे मॉनिटरिंग की जा रही है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे। हमारा कमिटमेंट है कि स्टूडेंट्स का भविष्य खराब न हो इसलिए परीक्षा करवाकर भर्ती की जाएगी। राजस्थान पुलिस जांच करने में सक्षम है और सीबीआई जांच की मांग को खारिज करता हूं।
इससे पहले पेपरलीक पर बहस के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पेपरलीक से जुड़े मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के जवाब पर सवाल उठाते हुए इसके विरोध में बायकॉट करने की घोषणा की। इस पर धारीवाल ने कहा कि पहले पूरा जवाब सुनकर जाइए।
धारीवाल के टोकने पर कटारिया नाराज हो गए और कहा- क्या जवाब सुन लें। इसके बाद कटारिया और धारीवाल के बीच नोकझोंक हो गई। बीजेपी विधायकों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर सीपी जोशी ने हंगामा बढ़ते देख पेपरलीक पर बहस को खत्म कर दिया और 1 बजकर 57 मिनट पर 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

स्पीकर बोले- परंपरा तोड़कर मैंने बहस को मंजूरी दी है
सदन की फिर से कार्यवाही शुरू होने के बाद पेपरलीक पर बहस शुरू हुई। स्पीकरजोशी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दिन स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होती,लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए परंपरा तोड़कर पेपरलीक के स्थगन पर चर्चा की मंजूरी दी है। हमें भर्ती प्रक्रिया से परीक्षाओं के पैटर्न पर चर्चा की जरूरत है।

कटारिया बोले- शर्म की बात है पेपरलीक के डाकू बाहर घूम रहे
पेपरलीक पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार पर जमकर हमला बोला। कटारिया ने कहा- इस सदन की कमेटी बनाकर कम से कम परीक्षा प्रणाली को सुधारने का कदम उठाइए। बड़े शर्म की बात है कि जिन लोगों को केवल दिखाने के लिए पेपरलीक मामले में पकड़ा था, उन सब की जमानत हो गई और डाकू बाहर घूम रहे हैं। जो पांच से सात लाख रुपए लेकर पेपर सॉल्व करवा रहे थे, उनकी जमानत हो गई।
केवल दिखावे के लिए पकड़ा था, आप कुछ नहीं कर पा रहे। जनता हमें और आप दोनों को देख रही है। पेपरलीक के डाकू तभी पकड़े जाते, जब गंभीरता से जांच होती। मंत्री ने केवल सतही जवाब दिया है। बाहर के राज्यों का नाम लेकर आप बच नहीं सकते। अब तो परीक्षा सिस्टम देखकर बोलने का मन ही नहीं करता। कुछ सुधार होना नहीं है।

राठौड़ बोले- पेपरलीक मामले की जांच में सरकार पक्षपात कर रही
बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- पेपरलीक मामले की जांच में सरकार पक्षपात कर रही है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपरलीक हुए, वे स्कूल कांग्रेस नेताओं के थे, आज तक उन स्कूलों की मान्यता खत्म नहीं की। झोटवाड़ा की दिवाकर स्कूल का नाम कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने में आया था, उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
एसआई परीक्षा में जागृति स्कूल जयपुर के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की। यह स्कूल कांग्रेस नेता का है, इसलिए कार्रवाई नहीं की। इस तरह दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। एंटी चीटिंग बिल के नाम पर कुछ लोगों पर कार्रवाई करना और कुछ को छोड़ देना, यह पक्षपात किया जा रहा है। इस सरकार को युवा की आह खा जाएगी।

बिल्ली को तो दूध की रखवाली नहीं सौंप दी?
राठौड़ ने कहा- आप यूपी की बात कर रहे थे, यूपी में पेपर लीक करने पर एनएसए लगता है आप भी लगाओ। इस बार आरपीएससी से पेपर आउट हुआ है। आरपीएससी ही प्रश्न का सिलेक्शन करने वाला है। केवल आरपीएससी चेयरमैन को ही पता होता है कि पेपर कहां से प्रिंट होता है। कहीं बिल्ली को तो दूध की रखवाली करने का जिम्मा नहीं सौंप दिया।
टेक्निकल हेल्पर की परीक्षा में एक ही सेंटर से 50 स्टूडेंट पास हुए। शिक्षक भर्ती का पेपर लीक करने वाला सुरेश ढाका और उसका साथी यूथ कांग्रेस के चुनाव में साइबर हैकिंग करके मुकेश भाकर को हरवाकर चहेते उम्मीदवार को चुनाव जितवाया था। ये तार तो कहीं के कहीं जुड़ रहे हैं।

स्कूलों में खाली पदों पर शिक्षा मंत्री को घेरा
विद्या संबल योजना में सरकारी स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी पर टीचर लगाने की योजना पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला सदन में घिरते दिखे। शिक्षा मंत्री ने कहा- गेस्ट फैकल्टी योजना को कुछ समय के लिए स्थगित किया है। इसे रद्द नहीं किया है।
वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के सवाल के जवाब में कल्ला ने कहा कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों को रोकने के लिनए केवल स्थानीय राजस्थानियों के लिए आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं होगा।
बजट सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष ने सबसे पहले स्कूलों में खाली पड़े पद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि – इतने समय से पद खाली पड़े हैं। बच्चों को कौन पढ़ाएगा? इस पर मंत्री ने तर्क दिया कि आरक्षण का प्रावधान करने के लिए कुछ समय के लिए योजना स्थगित की है।

अब स्कूल प्रिंसिपल लगा सकेंगे गेस्ट फेकल्टी
इस बीच, स्पीकर सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा- शिक्षकों के खाली पदों को गेस्ट फैकल्टी से भरने की योजना सिरे नहीं चढ़ी।
आप संविदा पर करना चाहते हैं या केवल गेस्ट फैकल्टी पर। सालभर तक विद्या संबल योजना में पद नहीं भरने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। इसकी व्यवस्था करें। इस पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा, ‘अब आगे से स्कूल प्रिंसिपल के स्तर पर गेस्ट फैकल्टी लगाए जा सकेंगे। प्रिंसिपल को इसका अधिकार दिया जाएगा।’