May 20, 2024

सामाजिक न्याय आपके द्वार से 11 हजार वंचितों को मिली सामाजिक सुरक्षा, विशेष सर्वे के लिए 5 लाख से अधिक घरों तक पहुंची टीमें
बीकानेर। राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ से जिले में वंचित रहे पात्रों को जोड़ने के लिए प्रारम्भ किए गए सामाजिक न्याय आपके द्वार अभियान से अब तक 11 हजार 137 लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से वंचित पात्रों को जोड़ने के लिए लए यह अभियान चलाया गया। जिला कलक्टर ने बताया कि अभियान के तहत गठित टीमों द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे किया गया। अब तक 5 लाख 10 हजार से अधिक घरों तक इन टीमों ने पहुंच कर पात्रों को जोड़ा है। इन टीमों द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना के 8 हजार 442, मुख्यमंत्री एकलनारी सम्मान पेंशन योजना के 1 हजार 163, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना के 631 एवं मुख्यमंत्री कृषक वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना के 27 सहित कुल 10 हजार 263 व्यक्ति जोड़े गए। इसी प्रकार इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजनान्तर्गत वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना के 695, विधवा पेंशन के 164 एवं विशेषयोग्यजन पेंशन योजना के 15 सहित कुल 874 पेंशनर्स भी इस अभियान से लाभांवित हुए। सामाजिक न्याय आपके द्वार अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान में 535 तथा पालनहार योजना में 1 हजार 56 पालनहारों एवं 1 हजार 901 बच्चों को ई-मित्र के माध्यम से जोड़ा गया।
सर्वे का किया क्रॉस वेरिफिकेशन
एक अप्रैल से प्रारम्भ इस अभियान के तहत हुए सर्वे का क्रॉस वेरिफिकेशन भी किया गया। रेण्डम आधार पर दो प्रतिशत घरों का सत्यापन किया गया। संबंधित एसडीएम द्वारा नियुक्त अधिकारी इन घरों तक पहुंचे और सर्वे की समीक्षा की। जिला कलक्टर ने बताया कि अभियान के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पालनहार और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पात्र वंचित लोगों के चिन्हीकरण तथा आवेदन लिए गए। ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर टीमें गठित की गई। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत में पदस्थापित ग्राम विकास अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, ग्राम रोजगार सहायक, पंचायत शिक्षा सहायक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं शहरी क्षेत्र पटवारी, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सफाई निरीक्षक एवं नगर निगम या नगरपालिका के अन्य कार्मिकों को टीम में लगा कर लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी येाजना से जोड़ा जा चुका है।