May 19, 2024

मासूम बच्चों के साथ बर्बरता का खेल, इलाज के नाम पर चटा दी अफीम
भीलवाड़ा। इलाज के नाम पर मासूम बच्चों के साथ बर्बरता का खेल भीलवाड़ा के लिए नया नहीं है, शाहपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 2 माह के बच्चे को दस्त की शिकायत पर परिजनों ने अफीम का सेवन करवा दिया, इसके चलते बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। उसे मातृ एवं शिशू चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। अस्पताल चौकी पुलिस के अनुसार शाहपुरा क्षेत्र बच्छ खेड़ा गांव में हनुमान जाट के 2 माह के पुत्र आदित्य को परिजनों ने दस्त होने पर अफीम का सेवन करवा दिया, ऐसे में बालक की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। उसे उपचार के लिए परिजन अस्पताल ले आए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे हालत गंभीर होने पर जिला मुख्यालय पर स्थित एमजी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया, यहां चिकित्सकों ने पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड में उसे भर्ती कर उपचार शुरू किया उसके बाद उसकी हालत में सुधार आया, चिकित्सकों के अनुसार अभी बच्चे की हालत में फि़लहाल सुधार है। आपको बता दें कि भीलवाड़ा में अंधविश्वास के नाम पर मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के मामले अमूमन सामने आते रहे हैं, लेकिन इन दिनों इलाज के नाम पर बच्चों को इस तरह से नशीला पदार्थ अफीम चटा देना भी किसी बड़ी लापरवाही से कम नहीं है। 21 दिन के अंदर भीलवाड़ा में मासूम बच्चे की जिंदगी से खिलवाड़ की यह दूसरी घटना सामने आई है। परंपरागत तौर पर बच्चों को उल्टी दस्त की शिकायत पर अफीम खिलाई जाती थी, लेकिन वर्तमान में बच्चों को इस तरह से अफीम खिलाना और फिर एक छोटे से मासूम बच्चे के लिए इस नशीले पदार्थ अफीम को हजम करना बड़ी परेशानी हो जाता है। जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है और डॉक्टरों के लिए उसकी जिंदगी बचाना मशक्कत भरा हो जाता है। ऐसे में चिकित्सा विभाग लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों को चिन्हित करके ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को इस तरह के कृत्य नहीं करने के लिए जागृत भी करता है लेकिन फिर भी इन घटनाओं को रोकना मुश्किल हो रहा है कभी अंधविश्वास के चलते मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दाग दिया जाता है तो कभी इलाज के नाम पर अफीम खिला कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ की कोशिश की जाती है।