May 18, 2024

सत्ता में भागीदारी की एक और जमीन तैयार, 11 चहेतों को एडजस्ट करेगी सरकार

जयपुर। राजनीतिक नियुक्तियों के मौसम में सरकार ऐसे बोर्ड—निगमों का भी उद्धार करने में जुटी है, जो वर्षों से महज फाइलों में ही दबे थे। ‘पारंपरिक ठिकानों’ के अलावा ऐसे निकायों पर जमी धूल झाड़ कर सरकार और अधिक चहेतों को उपकृत कर सकेगी।
ऐसी ही कवायद में हाल ही सरकार ने राजस्थान व्यापारी कल्याण बोर्ड को पुनर्गठित कर दिया। बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा 10 गैर सरकारी सदस्य नियुक्त हो सकेंगे। गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। खास बात यह है 2018 में भाजपा शासन के दौरान गठन के बाद बीते चार साल से यह बोर्ड लगभग निष्क्रिय था। लेकिन अब इसमें भी राजनीतिक नियुक्तियों की गुंजाइश देख कर फिर से जान डालने की कोशिश की गई है। सरकार अब तक इसमें अध्यक्ष के तौर पर विधायक सुरेश मोदी के अलावा दो सदस्य नियुक्त कर चुकी है।

सीएम अध्यक्ष नहीं, करेंगे मनोनयन
पहले तय नियमों में बोर्ड अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होते थे, लेकिन पुनर्गठन के अनुसार अब सीएम अध्यक्ष का मनोनयन करेंगे। 10 गैर सरकारी सदस्यों के अलावा वित्त, उद्योग, श्रम विभाग के प्रमुख सचिव और वाणिज्यिक कर, उद्योग और श्रम आयुक्त पदेन सदस्य होंगे। उद्योग का अतिरिक्त निदेशक स्तर का अधिकारी मेम्बर सेक्रेटी होगा।

पंजीकृत व्यापारियों को आर्थिक मदद
नए आदेश के अनुसार बोर्ड व्यापारियों के परिजनों को शिक्षा, चिकित्सा के मामलों में वित्तीय मदद करेगा। उनके परिवार में आजीविका कमाने वाले सदस्य की मृत्यु पर एकमुश्त सहायता देगा। इसके लिए 10 करोड़ रुपए के शुरुआती प्रावधान से व्यापारी कल्याण कोष स्थापित होगा।

ये भी होंगे बोर्ड के कार्य
— व्यापारियों से जुड़े कानून— नियमों का सरलीकरण
— निवेश प्रोत्साहन और रोजगार सृजन पर सरकार को सुझाव
— कर संग्रह में बढ़ोतरी और टैक्स चोरी की रोकथाम के सुझाव
— समस्या समाधान के लिए व्यापारियों और सरकार के बीच सेतु