May 12, 2024

भजनलाल सरकार ने शांति धारीवाल को दी क्लीन चिट, वसुंधरा राजे सरकार में लगे आरोपों पर कहा- नहीं बनता कोई मामला

जयपुर। 10 साल पहले वसुंधरा सरकार के समय एकल पट्टा मामले में विधायक शांति धारीवाल सहित तीन अन्य अधिकारियों पर लगे आरोपों पर भजनलाल सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए जवाब में कहा गया है कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता है। एकल पट्टा प्रकरण में पूरी तरह से नियमों की पालना की गई थी। वहीं, इसमें राज्य सरकार को किसी भी तरह का वित्तीय नुकसान भी नहीं हुआ है।

दरअसल, 29 जून 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। इसकी शिकायत परिवादी रामशरण सिंह ने 2013 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो( एसीबी) में की थी। एसीबी में शिकायत के बाद तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, शैलेंद्र गर्ग और दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया था। मामला बढ़ने पर विभाग ने 25 मई 2013 को एकल पट्टा निरस्त कर दिया था।

वहीं, इस मामले में एसीबी ने शांति धारीवाल से भी पूछताछ की थी। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इस मामले में सभी को क्लीन चिट दे दी है। दिलचस्प तथ्य यह है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में चुनावों के बीच 22 अप्रैल को जवाब पेश किया है। इसमें सरकार ने कहा है कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता है।

गहलोत के बाद भजनलाल सरकार ने भी दी क्लीन चिट
एकल पट्टा प्रकरण में तत्कालीन वसुंधरा सरकार के समय 3 दिसंबर 2014 को एसीबी ने मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों को खिलाफ चालान भी पेश किया था। उस समय तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से भी पूछताछ की गई थी। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही गहलोत सरकार में एसीबी ने मामले में तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी। तीनों क्लोजर रिपोर्ट में सरकार ने इस मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकरामल सैनी को क्लीन चिट दी थी।