May 19, 2024

बड़ी खबर- दूसरी स्वदेशी वैक्सीन को मिली मंजूरी : जायडस कैडिला का कोरोना का टीका 12 साल से ऊपर के लोगों को दिया जा सकेगा
नई दिल्ली। देश को जल्द स्वदेश में निर्मित तीसरी कोरोना रोधी वैक्सीन मिलने वाली है। सरकारी विशेषज्ञ समिति की ओर से सिफारिश के बाद डीसीजीआई ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इस्तेमाल की आपात मंजूरी दे दी है। कोवाक्सिन के बाद यह दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है। खास बात यह है कि इस वक्त जहां दुनियाभर में आरएनए वैक्सीन की मौजूदगी सबसे ज्यादा है, वहीं जायडस कैडिला की ये वैक्सीन विश्व की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। इसे 12 साल से ऊपर के लोगों को दिया जा सकेगा। इस वैक्सीन को तीन डोजों में दिया जाएगा। कोविड-19 संबंधी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (CDSCO) की एक विशेषज्ञ समिति ने जॉयकोव-डी को मंजूरी देने के जॉयडस कैडिला के आवेदन पर गुरुवार को विचार किया था। इसके बाद इसने ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) को इसे आपात इस्तेमाल की इजाजत देने की सिफारिश की। 

50 केंद्रों पर ट्रायल का दावा
जॉयडस ने दावा किया है कि उसने भारत में वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल किया है। 50 से ज्यादा केंद्रों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया। मंजूरी मिलती है तो यह भारतीय कंपनी द्वारा तैयार दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन बन गई है। 

भारत में छह वैक्सीन को मिली मंजूरी
जायकोव-डी को भी मंजूरी मिलने के बाद अब यह देश की छठी वैक्सीन होगी। अब तक सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पूतनिक-वी, अमेरिका की मॉडर्ना व जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। 

देश की तीसरी वैक्सीन होगी
अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख कंपनी जायडस कैंडिला ने एक जुलाई को अपनी वैक्सीन जॉयकोव-डी के आपातकालीन उपयोग के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मंजूरी की मांग की थी। अगर इस टीके को स्वीकृति मिलती है तो यह देश में निर्मित तीसरी वैक्सीन होगी। इसके पहले देश में कोविशील्ड और कोवाक्सिन को प्रयोग में लाया जा रहा है।

कई खासियत है इस वैक्सीन की
जायकोव-डी, भारतीय दवा निर्माता कंपनी जॉयडस कैडिला द्वारा तैयार की गई वैक्सीन है। डीसीजीआई से मंजूरी मिलने के बाद यह देश की तीसरी स्वदेश में निर्मित वैक्सीन हो सकती है। कई मामलों में इसे सबसे खास माना जा रहा है। इस वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि यह दुनिया की पहली डीएनए प्लाजमिड वैक्सीन होगी। इतना ही नहीं देश में लग रही कोरोना की बाकी वैक्सीनों से अलग जायकोव-डी के तीन डोज देने की जरूरत होगी।