May 7, 2024

बड़ी खबर – राजस्थान में 9वीं से 12वीं तक का इतने प्रतिशत घटाया पाठ्यक्रम
हर माह होगा एसेसमेंट टेस्ट, अब लॉकडाउन लगा तो इसी आधार पर मार्किंग, समय से कोर्स खत्म हो इसलिए सरकार ने उठाया कदम

जयपुर। राजस्थान में 1 सितंबर से खुलने जा रहे स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। प्रदेश के सभी स्कूलों में 30% तक पाठ्यक्रम में कटौती का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग हर महीने छात्रों के मूल्यांकन के लिए टेस्ट भी लेगा। ताकि भविष्य में लॉकडाउन की स्थिति में उसी आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जा सके। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि लंबे समय से कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षा व्यवस्था बे-पटरी हो गई थी। ऐसे में छात्रों और शिक्षकों पर दबाव न बने इस बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 30% कोर्स में कटौती का फैसला किया है। आदेश जल्द जारी कर दिए जाएंगे। इसके तहत अब स्कूलों में सिर्फ 70% कोर्स ही पढ़ाया जाएगा। ताकि समय पर 9वीं से 12वीं तक का कोर्स पूरा हो सके।

अब हर महीने होगा छात्रों का मूल्यांकन
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा अब हर महीने छात्रों का टेस्ट लेने का फैसला किया गया है। ताकि भविष्य में अगर हम परीक्षा नहीं करा पाए, तो भी बच्चों का मूल्यांकन कर सकें। इसके लिए शिक्षा विभाग ने हर महीने टेस्ट का प्रारूप तैयार कर लिया गया। इसे अगले महीने से मूर्त रूप दिया जाएगा।

औचक निरीक्षण किया जाएगा
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि राजस्थान में छोटे बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। ऐसे में हर स्कूल की हकीकत जांची जाएगी। इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। कहीं कोई गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि प्राइमरी स्कूल के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। वहां से दिशा-निर्देश के बाद ही यहां तैयारी शुरू होगी। उससे पहले प्रदेश के चिकित्सा विभाग और मुख्यमंत्री स्तर पर भी चर्चा होगी।

इन नियमों का करना होगा पालन
स्टूडेंट्स के बीच में दो गज की दूरी रहेगी। एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है, तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी।
लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस उपलब्ध कराना होगा। बच्चे लंच एक साथ नहीं करेंगे और वाटर बोटल भी घर से लेकर आएंगे। अगर नहीं लाए तो स्कूल शुद्ध पानी उपलब्ध कराएगा।
स्टूडेंट्स-टीचर को फेस मास्क का उपयोग जरूरी।
प्रार्थना सभा नहीं होगी।
खेलकूद गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।
विद्यार्थी को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा।
लंच बॉक्स किसी के साथ शेयर नहीं करना होगा।
अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे।
निर्धारित की गई सीट पर ही बैठेंगे।
विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमेंगे।
पानी की बोतल, सैनिटाइजर साथ रखेंगे।
जुकाम, खांसी, बुखार होने पर विद्यालय नहीं आएंगे।
स्कूल में एंट्री और एग्जिट पर टीचर की ड्यूटी रहेगी, जो मास्क लगाने वाले स्टूडेंट को ही इंट्री देंगे।
बस में स्टूडेंट को सीट आवंटित की जाएगी, तय सीट पर ही बैठाया जाएगा।
जो स्टूडेंट स्कूल नहीं आ सकेंगे, उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
पैरेंट्स का भी सहयोग जरूरी

राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने SOP जारी कर दी है। इसकी अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोरोना से बचने के लिए स्कूल टीचर्स व पेरेंट्स दोनों को सहयोग करना चाहिए।

राज्य में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल
सरकारी स्कूल: 14914
कुल स्टूडेंट्स- 26 लाख
निजी स्कूल: 16180
कुल स्टूडेंट्स- 25 लाख