May 19, 2024

बीकानेर / चार्जिंग में लगा रखे मोबाइल की बैटरी फटने से झोपड़े में लगी आग, 3 झुलसे
बीकानेर। बीकानेर के लूणकरनसर में शनिवार को चार्जिंग के दौरान मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट हो गया। इससे घर में आग लग गई। घटना के समय घर के अंदर 2 बच्चे सो रहे थे। तीन महीने की बच्ची की हालत गंभीर है। वह 35 प्रतिशत तक झुलसी है। दोनों बच्चों को बचाने में युवक के दोनों हाथ जल गए हैं। तीनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंचे पटवारी जितेंद्र महात्मा ने भी रिपोर्ट में कहा- मोबाइल की बैटरी फटने आग लग गई। लूणकरनसर की हंसेरा ग्राम पंचायत की मेघवाल ढाणी में यह घटना सुबह करीब साढ़े दस बजे हुई।
घर वाले गए थे फसल काटने
हंसेरा में रहने वाले सोहन राम मेघवाल के दो जमाई मुकेश और रमेश हैं। ये दोनों सगे भाई हैं। दोनों जमाई फसल कटाई के लिए आए थे। शनिवार सुबह परिवार सहित दोनों जमाई ढाणी से कुछ दूरी पर स्थित खेत में फसल काट रहे थे। मुकेश और रमेश की बहन सुलोचना भी साथ आई हुई थी। ढाणी के पास ही बने झोपड़े में पुराने मोबाइल चार्ज पर लगे थे। सुलोचना ढाणी में खाना बना रही थी। ढाणी के झोपड़े से अचानक एक 4 चार साल का बच्चा दौड़ते हुए बाहर आया। सुलोचना को बताया कि अंदर झोपड़े में आग लगी है।
अंदर सो रहे थे 2 बच्चे
घायल मुकेश के भाई रमेश ने बताया कि विवो कंपनी का स्मार्टफोन चार्ज में लगा हुआ था। उसकी बैटरी फटी, जिसकी वजह से झोपड़े में आग लगी है। झोपड़े में मुकेश की बेटी तपस्या (3 महीना) पुत्री मुकेश और मानव (2) पुत्र मघाराम सो रहे थे। झोपड़ी खींप (घास) से बनी थी। सुलोचना ने फौरन रमेश और मुकेश को आवाज लगाई। दोनों झोपड़ी की ओर दौड़े। सामने आग धधक रही थी। झोपड़ी में धुआं हो गया था। इसके बाद भी मुकेश जान की बाजी लगाकर बच्चों को बचाने के लिए भागा। उसने दोनों बच्चों को बाहर निकाल लिया, लेकिन खुद गिर गया। इसी कारण उसका मुंह, कमर, पीठ, दोनों पैर और एक हाथ झुलस गया। दोनों बच्चे भी आग की चपेट में आ गए थे। तीन महीने की तपस्या 35 प्रतिशत तक झुलस गई है। मानव मामूली रूप से झुलसा है।
मोबाइल और बोर्ड में एक साथ लगी आग
घायल मुकेश ने बताया- झोपड़ी में इलेक्ट्रिक बोर्ड लगा हुआ था। इसी के प्लग में मोबाइल चार्ज हो रहा था। बोर्ड और मोबाइल दोनों में आग लग गई। इसके बाद मोबाइल की बैटरी में विस्फोट हुआ। इसी से आग फैली।
बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण
हादसे के बाद ढाणी में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। तीनों को ग्रामीणों की मदद से बीकानेर के पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां इलाज चल रहा है। उधर, झुलसे हुए बच्चों को देखकर सुलोचना बेहोश हो गई थी।
सोने-चांदी के जेवर भी जले
आग लगने के कारण घर का काफी सामान जलकर राख हो गया। इसमें सोने-चांदी के जेवर भी थे। इनकी कीमत करीब एक लाख रुपए आंकी जा रही है। इसके अलावा 30 हजार रुपए नकद थे, जो राख हो गए। वहां रखा मोबाइल भी पूरी तरह जल गया। झोपड़े में 4 कट्टे यूरिया, 1 कट्टा खल और एक क्विंटल गेहूं भी जल गए।