May 20, 2024

बीकानेर. कहते हैं कि जहां चाह, वहां राह। जिला मुख्यालय के राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह में आवासित एक बालक ने यही साबित किया कि संसाधनों की कमी भी प्रतिभा का छुपा नहीं सकती। मजबूत हौंसलों के आगे हर मुश्किल छोटी है। बचपन से ही राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह में आवासित इस बालक द्वारा सेेंसर युक्त हैंड सैनिटाइजिंग मशीन बनाई गई है।

राजकीय संप्रेक्षण एवं किशोर गृह के अधीक्षक डॉ अरविंद आचार्य ने बताया कि संस्था में आवासित देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले एक बालक ने संस्था में उपलब्ध सीमित संसाधनों से स्वचालित सेंसर युक्त हैंड सैनिटाइजर मशीन बनाई है । उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा में अध्ययनरत इस बालक ने सैनिटाइजर मशीन को इंटरनेट पर वीडियो देखकर बनाया है। इस मशीन की लागत करीब साढे आठ सौ से हजार रुपए तक आई है।

कोविड-19 के मद्देनजर संस्था के द्वारा इस मशीन का हैंड सेनीटाइजिंग में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही यह बालक राजकीय किशोर गृह में आवासित है। कोविड-19 की परिस्थितियों के मद्देनजर इस बच्चे ने सेंसर युक्त हैंड सैनिटाइजर मशीन बनाने में रुचि दिखाई थी, इसके बाद इसे इंटरनेट पर संबंधित वीडियो दिखाया गया। बालक इंटरनेट के जरिए वीडियो देखने के पश्चात इस सैनिटाइजिंग मशीन को तैयार किया है जिसका फिलहाल राजकीय संप्रेक्षण एवं किशोर गृह में इस्तेमाल किया जा रहा है।

बाल संरक्षण इकाई बीकानेर की सहायक निदेशक कविता स्वामी ने बताया कि बालक को रूचि के अनुसार संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके बाद बालक ने अपनी रुचि से इस मशीन का निर्माण किया है। यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने बताया कि बालक की इस प्रकार के कार्यों में काफी रूचि है तथा किशोर गृह द्वारा उसकी प्रतिभा को निखारने की दिशा में मदद की जा रही है।