May 6, 2024

बीकानेर. जिला कलक्टर नमित मेहता ने सभी अधिकारियों से कहा कि मानसून के दौरान जिले में पानी एकत्रित होने पर आमजन को परेशानी ना हो, इसके लिए अभी से पुख्ता इंतजाम कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर सूरसागर, पुरानी गिन्नानी सहित ऐसे स्थान जहां गत वर्षो में पानी भराव के कारण आमजन को यातायात आदि में परेशानी हुई है, वहां अब परेशानी ना हो इसके लिए अगले 7 दिनों में नालों की सफाई आदि का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। नगर निगम, सरकारी विभाग तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर पानी निकासी और नालों की सफाई के लिए कार्य योजना बनाकर आज से ही कार्य प्रारंभ कर दें ताकि 1 सप्ताह में सभी नालों की सफाई तथा अन्य कार्य व्यवस्थित रूप से हो जाएं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल पानी निकासी हो सके।

मेहता बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानसून के मद््देनजर सभी संबंधित विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय करते हुए 7 डेज रिस्पोंस एक्शन प्लान के तहत कार्य प्रारंभ कर दें, ताकि अतिवृष्टि की किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास तथा नगर निगम में जो पानी के पंप सेट हंै उन सबको एक बार चेक कर लिया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर पानी निकासी के लिए पंपसेट का उपयोग हो सके। संबंधित विभाग के अधिकारियों को लगे कि संभावित अतिवृष्टि में पंप की अतिरिक्त आवश्यकता रहेगी तो पंप की खरीदारी भी अगले 7 दिनों में हो जाए। साथ ही यह भी देख लें कि जहां से रेंट पर पंप मिल सकते हैं उनसे भी संपर्क बना लें ताकि और जरूरत होने पर पंप का उपयोग किया जा सके।

क्रियाशील 24 घंटे काम करें कंट्रोल रूम
मेहता ने कहा कि जिला तथा उपखंड मुख्यालय पर 24 घंटे कंट्रोल रूम कार्यरत रहे, इसमें कार्मिकों की राउंड द क्लोक ड्यूटी लगाई जाए। कंट्रोल रूम में सभी सम्बंधित विभागों के मोबाईल नम्बर उपलब्ध रहे। जिला कलक्टर ने कहा कि आंधी-तूफान के बाद विद्युत आपूर्ति शीघ्र बहाल हो जाए तथा अभियन्ता बिना सम्बन्धि उपखण्ड अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें। उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि बारिश के दौरान लीकेज आदि के कारण कहीं भी दूषित पेयजल की आपूर्ती न हो, अगर कहीं पाईपलाईन में लीकेज के कारण गंदा पानी घरों तक पहुंचता है तो ऐसी स्थिति में सूचना मिलते ही तुरन्त प्रभाव से सम्बन्धित क्षेत्र में पानी की आपूर्ति रोकी जाए और लीकेज को ठीक करवाने की कार्यवाही करें। अगर लीकेज ठीक करने में अधिक समय लगता हो तो सम्बन्धित क्षेत्र में टैंकर के माध्यम पेयजल आपूर्ती की जाए।

मेहता ने कहा कि जिले में जितने भी अंडर रेल पास बने हुए है,ं अगर इनमें भी पानी एकत्रित होता है तो ऐसे अंडरपास का सूचीबद्ध किया जाए और वहां से तत्काल पानी निकालने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं, जो अंडरपास रेलवे के अधीन हैं,वहां भी पानी की निकासी के लिए प्रारंभिक कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा ही की जाएगी। हमें आमजन की परेशानी को दूर करना है, इसे प्राथमिकता में रखना है। ऐसे अंडरपास तक पंप का पहुंचना और वहां से पानी की दूर तक निकासी करने के लिए पाइप आदि की समुचित व्यवस्था पूर्व में ही रहनी चाहिए। अंडर पास में पानी भरने से किसी तरह के जानमाल की हानि न हो इसे भी ध्यान में रखते हुए अगले 7 दिनों में सभी रेल अंडरपास को सूचीबद्ध कर वहां तक संसाधन पहुंचाने की कार्य योजना तैयार कर लें ताकि तत्काल पानी निकासी का कार्य प्रारंभ हो सके हैं।

सार्वजनिक निर्माण विभाग मिट्टी के कट्टे आदि रखें
मेहता ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता को निर्देश दिए मानसून के दौरान अगर कहीं पानी ज्यादा आ जाता है और पानी को रोकना या पानी के रास्ते में हल्का बदलाव के लिए मिट्टी के कट्टे रखने की जरूरत हो तथा मुख्य मार्गों पर पानी के बहाव के कारण सड़कों में कटाव आ जाता है, ऐसी स्थिति में किसी तरह की दुर्घटना ना हो इसे ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग मिट्टी के कट्टो का भंडारण सुनिश्चित करें ताकि जरूरत पर इनका उपयोग हो सके। उन्होंने सभी कार्यकारी एजेंसी से कहा कि भविष्य में जब भी कभी सीसी रोड बने तो पहले जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से एनओसी ले ली जाए। विभाग एनओसी जारी करने से पूर्व बनने वाली सीसी रोड में पानी की पाइप लाइन का कार्य पृथक से कर ले ताकि कभी पाइपलाइन लीकेज होने जैसी स्थिति में सीसी रोड को तोड़ने की जरूरत ना पड़े।
राजकीय कार्यालय भवनों की छत पर नहीं हो पानी एकत्रित
जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि वह अगले 7 दिनों में यह सुनिश्चित करें कि राजकीय कार्यालय के भवन की छत पर बरसात के दौरान पानी एकत्रित ना हो, इसके लिए पुख्ता प्रबंध कर लें। सभी राजकीय आवासों में भी छत पर पानी एकत्रित ना हो इसके लिए भी सभी आवासों में रहने वालों को भी समझाइश करते हुए छत की सफई कार्य करवाया जाए। साथ ही विभाग यह भी देख लें कि जो जर्जर भवन है उन्हें खाली कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि राजकीय आवासों के अतिरिक्त शहर में निजी मकान भी ऐसे हो जो जर्जर अवस्था में है अथवा मकान ऐसे स्थान पर बने हैं जहां प्रतिवर्ष पानी एकत्रित होता है, ऐसे मकानों में रहने वाले लोगों को भी अस्थाई रूप से अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए ताकि किसी तरह के जानमाल की हानि ना हो।

सिविल डिफेंस, पुलिस तथा स्थानीय सैन्य अधिकारियों से भी रखें समन्वय
जिला मजिस्ट्रेट मेहता ने कहा कि सिविल डिफेंस और पुलिस विभाग मानसून के मद्देनजर संपूर्ण संसाधन अपने पास रखें। 7 दिन में गोताखोर की सूची, नाव, लाइफ जैकेट, ड्रैगन, सर्च लाइट तथा रस्से की व्यवस्था बनाए। साथ ही पुलिस विभाग स्थानीय सैन्य अधिकारियों अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित रखें । साथ ही विपरीत परिस्थिति होने पर सेना की सहायता भी ले सकते हैं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि मानसून के दौरान मौसमी बीमारियों आदि की रोकथाम की दवाएं जिले की सभी चिकित्सालय में रहनी चाहिए, साथ ही सभी एंबुलेंस में आवश्यक दवाएं और पैरामेडिकल स्टाफ आदि भी रहना चाहिए ताकि कहीं जरूरत पड़ेने पर तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।

कोविड-19 पर चर्चा
जिला कलक्टर ने कोरोना बचाव के लिए किए जा रहे उपाय और भवन आदि की उपलब्धता पर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में जिन भवनों को अधिग्रहण किया जा रहा है, वहां सभी आधारभूत सुविधाएं हो यह सुनिश्चित कर लिया जाए। अगर भवन में किसी तरह की कमी है तो उसे ठीक करवाने की जिम्मेदारी भवन संचालक की होगी। मेहता ने बहुत स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर कोई भवन संचालक कोविड-19 केयर सेंटर के संचालन में सहयोग नहीं करता है अथवा किसी तरह की परेशानी पैदा करता है तो उसके विरुद्ध भी राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 तथा आपदा प्रबंधन अनिनियम 2005 तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बैठक में बताया कि जिले में वर्तमान में कोविड के 635 एक्टिव केस हैं।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच. गौरी, सचिव नगर विकास न्यास मेघराज सिंह मीणा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) सुनीता चैधरी, उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल, पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी. एल. मीणा, जिला एपिडेमिक समन्वयक नीलम प्रताप सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन मीना सहित नगर निगम सार्वजनिक निर्माण विभाग, एसटीआरएफ, होम गार्ड, बीकेईएसएल सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।