May 1, 2024

बीकानेर. कोरोना संक्रमण काल में पिछले काफी दिनों से अव्यवस्थाओं के कारण पिछले सुर्खियों में चल रही पीबीएम होस्पीटल में बुधवार को पार्षदों और सुरक्षा गार्डो के बीच हुई टकराहट के कारण महाहंगामा हो गया। करीब एक घंटे तक चली इस हंगामेबाजी के दौरान पीबीएम अधीक्षक के कक्ष में धरना देकर बैठ गये,वहीं सुरक्षा गार्डो ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दरम्यान मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस दोनों पक्षों को समझाइस के लिये मशक्कत में जुटी रही। इस मामले में पार्षदों के रवैये से आहत पीबीएम होस्पीटल के मेडिकल स्टाफकर्मी भी सुरक्षा गार्डो के समर्थन में आ गये। मामले की शुरूआत मामलूी झड़प को लेकर हुई थी,बताया जाता है कि पार्षदों का एक शिष्ट मंडल पीबीएम होस्पीटल की चिकित्सीय व्यवस्थाओं को लेकर ज्ञापन देने के लिये पहुंचा,इस दरम्यान होस्पीटल की प्रशासनिक विंग के बाहर तैनात होमगार्ड के जवानों ने उन्हे रोका था,उनमें झड़प हो गई। पार्षदों का आरोप है कि होमगार्ड के जवान ने हमारे एक पार्षद को धक्का देकर थप्पड़ भी मारी,जबकि होमगार्डो का कहना था कि भीड़ करके आ रहे पार्षदों को रोका तो उन्होने हमारे साथ हाथपाई शुरू कर दी और जबरन होस्पीटल अधीक्षक के कक्ष में घुस गये।

पार्षदों के इस रवैये से आहत होकर पीबीएम के तमाम सुरक्षा गार्डो ने प्रशासनिक विंग के बाहर धरना शुरू कर दिया,धरने में कई सुरक्षा गार्ड सड़क पर लेट गये। उधर पीबीएम अधीक्षक के कक्ष में ज्ञापन लेकर पहुंचे पार्षदों की अधीक्षक डॉ.सलीम के साथ भी जोरदार गरमा गरमी हो गई,इससे गुस्साएं डॉ.सलीम एकबारगी तो तैश में आ गये। माहौल गरमाने की सूचना मिलने के बाद मौके पर आई पुलिस ने समझाइस कर पार्षदों को अधीक्षक के चैम्बर से बाहर निकाला। इधर प्रशासनिक विंग के बाहर धरने पर बैठे सुरक्षा गार्डो का कहना था कि ड्यूटी के दौरान हाथापाई और मारपीट करने वाले पार्षदों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाये। वहीं पार्षद भी इस समूचे मामले को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे थे।

गुस्साएं पार्षदों ने पीबीएम प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप
घटनाक्रम को लेकर गुस्साएं पार्षद मनोज विश्रोई,प्रफुल्ल हटीला,चेतना चौधरी,पारस मारू वगैरहा ने बताया कि इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी कि हमारे साथी पार्षद युनुस अली की बुजुर्ग मां का यहां पीबीएम होस्पीटल के चिकित्सक की लापरवाही के कारण निधन हो गया,हमारे साथी पार्षद ने तो यह दुखदायी पीड़ा सहन कर ली,मगर आमजन को ऐसी पीड़ा नहीं भोगनी पड़ी,इसके लिये हम पार्षदगण पीबीएम अधीक्षक को ज्ञापन देने पहुंचे थे,जहां बदमिजाजी होमगार्ड के जवानेां ने ना सिर्फ हमारे से अभद्रता की,बल्कि एक पार्षद के थप्पड़ मार दिया। यह रवैया बर्दाश्त नहीं होगा। पार्षदों ने कहा कि पीबीएम होस्पीटल प्रशासन ने सुरक्षा गार्डो को हद से ज्यादा छूट दे रखी है। इससे सुरक्षा गार्ड बेलगाम है। पार्षदों ने कहा कि पीबीएम में चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरी हुई है। ना तो डॉक्टरों का रवैया ठीक,ना ही मेडिकल स्टाफ कर्मियों का। इससे पीबीएम होस्पीटल बदनाम और रही है। उन्होने कहा कि समूच घटनाक्रम को लेकर हम जन आंदोलन चलायेगें।

ठीक नहीं था पार्षदों का रवैया-डॉ.सलीम

वहीं पीबीएम होस्पीटल अधीक्षक डॉ.सलीम ने कहा कि हम इत्मीनान से पार्षदों की बात सुनकर उनका ज्ञापन लेने के लिये तैयार थे,लेकिन पार्षदों ने पहले सुरक्षा गार्डो के साथ विवाद किया फिर अंदर आकर मेरे से भी उलझने लगे। डॉ.सलीम ने कहा कि पार्षद सम्मानीय जन प्रतिनिधि है,उन्हे ऐसा रवैया नहीं अपनाना चाहिए है। डॉ.सलीम ने कहा कि अगर इस समूचे घटनाक्रम में सुरक्षा गार्ड दोषी पाया जायेगा तो उसे ड्यूटी से हटा दिया जायेगा। लेकिन कोरोना संकट के इस माहौल में पीबीएम होस्पीटल में इस तरह से हंगामा करना ठीक नहीं है।