May 2, 2024

बीकानेर। अपराधों की रोकथाम और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का दावा करने बीकानेर रैंज इस बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर गुण्डों को जिला बदर करने में सबसे निचले पायदान पर रही। हालांकि गुण्डों के खिलाफ परिवाद पेश करने में तो रैंज पुलिस चौथे नंबर रही लेकिन गुंडा अधिनियम १९७५ के तहत मंजूरी नहीं मिलने के कारण इस साल रैंज के एक भी गुण्डे को जिला बदर करने में नाकाम रही। पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ो के अनुसार बीकानेर रैंज पुलिस ने इस साल गुंडा अधिनियम 1975 के तहत ११९ जनों के खिलाफ परिवाद पेश कर उन्हे जिला बदर करने की अनुमति मांगी लेकिन इनमें से एक भी गुण्डें के लिये पुलिस को मंजूरी नहीं मिल पायी,इसके चलते बीकानेर रैंज में अबकी दफा गुण्डों को जिला बदर करने का आंकड़ा शून्य ही रहा गया है। इस मामले में कोटा रैंज पुलिस सबसे टॉप रही जिसने प्रदेश में सर्वाधिक 383 परिवाद पेश कर 87 गुण्डों को जिला बदर करने की मंजूरी हासिल की। जबकि घोषित अपराधियों व गिरफरी वारंट से तलब अपराधियों को गिरफ्तार करने में बीकानेर रैंज पुलिस पहले नंबर रही जिसने इस साल 44743 में से 26059 को गिरफ्तार कर 58.24 प्रतिशत का निस्तारण किया है। इसके अलावा स्थायी वारंटियों व भगोड़ों के खिलाफ बीकानेर रैंज पुलिस नंबर वन रही,जिसने 7633 में से 2772 को गिरफ्तार कर 36.32 प्रतिशत का निस्तारण किया।