May 14, 2024

ऑनलाइन लूडो गेम में पैसे हारने पर बिजनेसमैन के बेटे ने किया सुसाइड, बीकानेर रोड के पास खाली जगह पर मिला शव

सूरतगढ़। ऑनलाइन लूडो गेम में रुपए हारने पर 18 साल के लड़के ने सुसाइड कर लिया। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए किराए के मकान में रहता था। रविवार दोपहर 3 बजे से कमरे से गायब था। पुलिस को सोमवार सुबह करीब 10 बजे एक मंदिर के पीछे उसका शव मिला। मामला श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ का है।

कीटनाशक की आधी खाली बोतल मिली
सूरतगढ़ सीआई कृष्ण कुमार ने बताया- नरेश (18) पुत्र धर्मपाल जाट का शव NH-62 बीकानेर रोड के पास हनुमान मंदिर के पीछे खाली जगह पर मिला है। वह नोहर के जोखासर का रहने वाला है। युवक ने कीटनाशक खाकर सुसाइड किया है। कीटनाशक की आधी खाली बोतल भी मौके से मिली है।

18 हजार रुपए हारने के बाद उठाया कदम
सीआई ने बताया कि नरेश को ऑनलाइन लूडो गेम खेलने की लत थी। लूडो में वह पैसे लगाया करता था। घर से लाए 18 हजार रुपए लूडो में हार गया था। आशंका है कि तनाव में आकर उसने सुसाइड कर लिया।

25 जुलाई को ही घर से आया था
लड़के के मामा (दूर के रिश्तेदार) पवन ने बताया कि नरेश प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 25 जुलाई को नोहर से सूरतगढ़ आया था। घर से आते हुए अपने साथ 18 हजार रुपए लेकर आया था। सूरतगढ़ में अपने दोस्तों के साथ किराए के मकान में रहता था।

परिवार करता रहा फोन
शाम करीब 5 बजे नरेश के दोस्तों का परिवार के पास फोन गया था। उन्होंने कहा था कि नरेश दोपहर 3 बजे कमरे से निकला था और अब तक वापस नहीं लौटा है। दोस्तों की जानकारी के बाद परिवार ने उसे फोन किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं था। तब उसके दादाजी इंद्राज जाट रात करीब 8 बजे सूरतगढ़ पहुंचे।

मंदिर के पीछे मिला शव
नरेश के लापता होने की मौखिक जानकारी घरवालों ने पुलिस को दी। रात भर पुलिस के साथ नरेश की तलाश की गई। उसका पता नहीं चला। लोकेशन ट्रेस करने पर सूरतगढ़ शहर से करीब 3 किमी दूर हनुमान मंदिर आई। पुलिस के साथ सोमवार सुबह मौके पर पहुंचे तो मंदिर के पीछे की तरफ खाली जगह पर नरेश का शव मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे और पूरी बॉडी नीली पड़ गई थी। पुलिस ने सूरतगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उसके गांव जोखासर भेजा।

पिता किराना व्यापारी हैं
नरेश ने हाल में 12वीं कक्षा पास की थी। उसके पिता धर्मपाल की जोखासर में किराने की दुकान है। एक बड़ा भाई राजेश है, जो गांव में ही खेती करता है।