May 18, 2024

यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के पक्ष में उतरे सीएम : गहलोत बोले- स्टूडेंट्स के भविष्य को देखते हुए मेडिकल कॉलेज और सीटें बढ़ाएं

जयपुर। यूक्रेन में युद्ध के बाद वहां से वापस लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के भविष्य के हित में केंद्र से फैसला करने की मांग उठाई है। गहलोत ने मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल की सीटों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया है। प्रदेश के 1000 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। अब युद्ध के बाद वापस लौटे स्टूडेंट्स की आगे की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है। ​
गहलोत ने कहा- यूक्रेन संकट के कारण भारत लौटे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य भी अनिश्चित हो गया है। ऐसे में इन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक सकारात्मक फैसला लेना चाहिए। भारत के हजारों बच्चे पढ़ाई के लिए विदेशों में जाते हैं। इनमें से अधिकांश बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए चीन, नेपाल, यूक्रेन, रूस, किर्गिस्तान, कजाखिस्तान, बांग्लादेश इत्यादि देशों में जाते हैं, क्योंकि यहां खर्च कम होता है।
गहलोत ने कहा कि जब ये स्टूडेंट्स वहां से पढ़कर आते हैं तो इन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) देना पड़ता है। वहां के भाषाई और पाठ्यक्रम संबंधी बदलावों के कारण अधिकांश बच्चे (80% से भी अधिक) इस टेस्ट को पास नहीं कर पाते हैं और मेडिकल प्रेक्टिस से भी वंचित होते हैं। ऐसे में ये देश के ह्यूमन रिसोर्स की वैल्यू कम करता है और सभी का नुकसान भी होता है।

एमसीआई के नियमों में बदलाव करे केंद्र
गहलोत ने कहा कि यूक्रेन संकट ने हम सभी को विचार करने का एक मौका दिया है कि क्यों ना केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देश में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीटों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करें। यूपीए सरकार ने हर जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की स्कीम शुरू की थी जो अब भी जारी है, उस समय 75 फीसदी पैसा केंद्र देता था। जिसे अब घटाकर 60 फीसदी कर दिया है।

गहलोत ने कहा कि सभी राज्य सरकारों और केंद्र को मिलकर सोचना होगा कि क्या इतनी संख्या बढ़ाने के बाद भी ये मेडिकल सीटें पर्याप्त हैं? अभी हम एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज को ही पर्याप्त मान रहे हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं रह सकते हैं। मेरा केंद्र को सुझाव है कि मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया (MCI) के नियमों में बदलाव किया जाए। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों को अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की छूट दी जाए।

देश में मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछाएं
गहलोत ने कहा कि भारत में अभी प्रति 1000 व्यक्ति पर औसतन 1 डॉक्टर है, इनमें से भी अधिकांश शहरों में हैं। ग्लोबल संस्थाओं के मानकों के मुताबिक प्रति 1000 व्यक्ति पर 4 डॉक्टर्स होने चाहिए। देश की जनसंख्या बढ़ने और भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण बन रही अन्य महामारियों की आशंका को देखते हुए भी हमें इस संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए देशभर में मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछाने की आवश्यकता है।

उपनेता प्रतिपक्ष ने उठाई थी स्टूडेंट्स को सीटें अलॉट करने की मांग
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स को राजस्थान में सीटें अलॉट करने और इन्हें आ​र्थिक पैकेज देने की मांग उठाई थी। अब मुख्यमंत्री ने केंद्र से मांग की है।