May 20, 2024

बीकानेर। नोखा विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा है कि यदि राज्य सरकार राष्ट्रीय चिन्ह ‘अशोक स्तंभÓ के साथ सरकारी पत्रों, आदेशों व लेटरहैड पर पं.दीनदयाल उपाध्याय का चित्रयुक्त लोगो लगाएगी तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। डूडी ने कहा कि यदि सरकार ऐसा करती है तो यह पूर्णतया असंवैधानिक कदम होगा। नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि मु यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार ने चार साल तक जनहित के कोई कार्य नहीं किये। प्रदेश में विकास अवरूद्ध कर दिया और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। अब चुनावी वर्ष सामने देख मु यमंत्री अपने निजी राजनीतिक हितों के लिए शासन का दुरूपयोग कर रही हैं। डूडी ने कहा कि भाजपा के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय एक आदर्श हो सकते हैं और भाजपा बतौर राजनीतिक दल उनकी जन्मशताब्दी को संगठन स्तर पर मनाती है तो किसी को भी आपत्ति नहीं होगी। लेकिन राष्ट्रीय चिन्ह ‘अशोक स्तंभÓ के साथ पं.दीनदयाल उपाध्याय का चित्रयुक्त लोगो लगाना संविधान की मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाने जैसा है। नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश की मु यमंत्री ने कभी संविधान नहीं पढ़ा। इसलिए वे ऐसे ऊट-पंटाग निर्णय ले रही हैं। मु यमंत्री को पहले संविधान पढऩा चाहिए। डूडी ने कहा कि मु यमंत्री वसुंधरा राजे को स्मरण होना चाहिए कि राष्ट्रीय चिन्ह अषोक स्तंभ का निर्णय संविधान सभा में बहस के दौरान वर्ष 1949 में लिया गया था। अषोक स्तंभ की एक संवैधानिक मर्यादा और प्रतिष्ठा है, लेकिन मु यमंत्री राजनीतिक मोहवष पं.दीनदयाल उपाध्याय का चित्रयुक्त लोगो शासकीय आदेषों और लेटरहैड पर लगाना चाहती है, जिसका उसी तरह पुरजोर विरोध किया जाएगा जैसा कि पिछले दिनों सरकार के लाये गये अलोकतांत्रिक विधेयक Óकाला कानूनÓ का किया गया था।