May 17, 2024

शिक्षा विभाग ने तैयार की नई ट्रांसफर पॉलिसी : जल्द होंगे 85 हजार से ज्यादा टीचर्स के ट्रांसफर, सरकार से अनुमोदन के बाद जारी होगी लिस्ट

जयपुर। राजस्थान में पिछले 7 महीने से अपने गृह जिले में ट्रांसफर के लिए आवेदन करने वाले हजारों टीचर्स के लिए एक खुशखबरी है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया की शिक्षा विभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर ली है, जिसे अनुमोदन के लिए सरकार के पास भेजा गया है। ऐसे में सरकार की हरी झंडी मिलते ही अगले कुछ दिनों में प्रदेश के 85 हजार टीचर्स के तबादले किए जा सकेंगे।
दरअसल, राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जिसमें प्रदेश के 85 हजार से ज्यादा टीचर्स ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था। इसके साथ ही टीएसपी क्षेत्र से नॉन टीएसपी क्षेत्र के टीचर्स से विकल्प पत्र भी भरवाए गए। लेकिन 7 महीने का वक्त बीत जाने के बाद भी टीचर्स के ट्रांसफर नहीं हुए थे। जिसको लेकर प्रदेशभर के टीचर्स लंबे समय से विरोध कर रहे है। वहीं अब शिक्षा विभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर मुख्य सचिव उषा शर्मा के पास भेज दी है। मुख्य सचिव ट्रांसफर पॉलिसी को जांच कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भेजेंगी। ऐसे में माना जा रहा है कि पॉलिसी को कैबिनेट में भी ले जाया जा सकता हैं।
वहीं सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद राजस्थान में नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू हो जाएगी। जिसके बाद थर्ड ग्रेड शिक्षकों के भी तबादले कर दिए जाएंगे। इससे पहले शिक्षा विभाग में लेक्चरर, हेड मास्टर और प्रिंसिपल समेत प्रशासनिक पदों पर तबादले किए जा चुके हैं। लेकिन थर्ड ग्रेड शिक्षकों की बड़ी संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक नई ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का फैसला किया था। जिसे पूरा कर लिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले 1 महीने में राजस्थान के हजारों शिक्षकों को फिर से अपने घर आने का मौका मिल सकेगा।
बता दें कि राजस्थान में लगभग एक लाख 88 हजार टीचर्स (थर्ड ग्रेड) है। इनमें से 85 से ज्यादा टीचर्स ने ट्रांसफर के लिए आवेदन कर रखा है। लेकिन पिछले 7 महीने से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बन पाए थी। जिसकी वजह से प्रदेश के हजारों टीचर का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर ली है। जिसके लागू होने के बाद लंबे समय से अपने गृह जिले में जाने की उम्मीद लगाए बैठे टीचर्स का सपना पूरा हो सकता है।