May 15, 2024

गहलोत बोले- मोदी हर हफ्ते जा रहे गुजरात, मंत्री निकम्मे : राहुल को शिवभक्त बताया, राजस्थान में ​​​​​विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा लोगों को समर्पित

राजसमंद/जयपुर। राजस्थान में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ आम लोगों के लिए समर्पित कर दी गई। शनिवार शाम 4 बजे नामी कथावाचक मुरारी बापू के हाथों इसका लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बापू के अलावा, सीएम गहलोत, योगगुरु बाबा रामदेव भी मौजूद रहे। बाबा रामदेव ने कपालभाती करके दिखाया।
अपने संबोधन में गहलोत ने कहा, ‘शिलान्यास भी हम लोगों ने मिलकर किया था। 9 दिन राम कथा चलेगी। हम चाहते हैं कि राज्य में शांति बनी रहे। राजस्थान में धार्मिक टूरिज्म पर खास ध्यान रखा जा रहा है। 10 साल में शानदार मूर्ति बनकर तैयार हो गई है।’
वहीं, गुजरात चुनाव पर उन्होंने कहा, ‘देश के अंदर गांधी का अलग संदेश है। प्रधानमंत्री कहीं जाते हैं तो लोग कहते हैं कि गांधी के देश से आए हैं। गांधी को हटाकर गुजरात में राजनीति करो। ऐसे में गुजरात बर्दाश्त नहीं करेगा। बीजेपी ने पहले गांधी को नहीं अपनाया था। अब अपनाया। केजरीवाल को भी यह बात बाद में समझ आएगी। मोदी जी हर हफ्ते गुजरात जा रहे हैं। क्योंकि हालत खराब हैं। सारे मंत्री नाकारा और निकम्मे हैं। राजस्थान में जो फैसले किए, गुजरात को 11 वचन दिए हैं, वो हम निभाएंगे।’
इस मौके पर CM ने राहुल गांधी को शिव भक्त बताया। कहा- शिव भक्त कौन हो सकता है, शिव की आराधना करने वाला क्या व्यक्तित्व रखता है। आप जान सकते हो। उनका क्या संदेश है, वह आप भी जानते हो।

सीएम ने मुरारी बापू से रिक्वेस्ट की
सीएम ने मुरारी बापू से कहा- आज तो आपकी कथा सुनेंगे। हम तो राजनीति में काम करने वाले लोग हैं। मैं आपसे काफी प्रभावित हूं। मैं पहले भी नाथद्वारा आया था। मैं आपसे एक रिक्वेस्ट करना चाहता हूं। मदन पालीवाल ने सेवा के रूप में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन ये जो गुटखे का बिजनेस करते हैं। उसे छुड़वा दीजिए। ये आपकी आज्ञा से ही छोड़ेंगे। हमारे कहने से नहीं। मैं कई बार कह चूका हूं। ये तंबाकू का धंधा छोड़ दो। ये मानते ही नहीं है। इनकी गलती नहीं है। आपके आदेश को मानेंगे। आपके चरणों में बैठकर रिक्वेस्ट कर रहा हूं कि आज नहीं तो कल ये मेरी बात पर अमल करेंगे।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा- 10 साल पहले जब यहां शिलान्यास किया था। तब कल्पना भी नहीं की थी। ऐसी प्रतिमा हमारे सामने बन के आएगी।
बाबा रामदेव बोले- गहलोत साहब ने धर्म संकट खड़ा कर दिया है। मदन जी यदि दूसरा बिजनेस करना है। मैं स्पोर्ट कर लूंगा। मैंने कभी मदन पालीवाल को बोलता हुआ नहीं देखा। 30 साल पहले स्वामी रामदेव को दुनिया में कोई नहीं जानता था, दूर से बैठकर मुरारी बापू को देखा था। बापू की निगाह पड़ी या नहीं पड़ी हमें नहीं पता, लेकिन हमने बापू की ओर निगाह करके देखी। ये साधु विश्व का योग गुरु बन गया।

मदन पालीवाल बोले- मुझे राजनीति के लिए प्रेारित कर रहे हैं। सीएम साहब ने बोला कि इन्हें छोड़ना नहीं है। अगले चुनाव में खड़ा करना है। आज से 36 साल पहले 7 नवंबर 1986 को ईसी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में हनुमंत विराजिए का आयोजन हुआ था। 36 साल पहले ऐसे ही आयोजन में कौ देखने गया था। ऐसा देखा कि अभी देख रहा हूं। मुझे वापस एग्जिट नहीं मिला।

मुरारी बापू बोले- विश्वनाथ भूमि से नहीं बल्कि आसमान से उतरे हैं
मुरारी बापू ने भये प्रकट कृपाला का उच्चारण करते हुए इस मौके पर कहा- हालांकि यह पंक्तियां भगवान राम के लिए प्रयुक्त हुई है, लेकिन यहां यह पंक्तियां भगवान शिव के लिए प्रयोग करना चाहूंगा। बापू ने कहा कि यहां निमित्त और निर्मित दोनों महादेव है। विश्वनाथ यहां भूमि से नही बल्कि आसमान से उतरे हैं। इसकी सबसे ज्यादा खुशी व्यासपीठ को है।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के केन्द्र में विश्वास स्वरूप है। गुरु की कृपा और दृष्टि से इसमें 12 स्वरूपों के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि यहां श्रीनाथ से मिलने के लिए विश्वनाथ आए हैं, रसराज से मिलने के लिए नटराज आए हैं। गिरिराज धारी यहां विराजित है और गंगाधारी मिलने आए हैं।
मुरारी बापू ने व्यासपीठ से कहा कि गुरु की पूजा में पंच देवों की पूजा हो जाती है। गुरु हमेशा हमारे साथ चलता है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के सात मंत्रों में प्रथम मंत्र में मंगला चारण है। विश्वास स्वरूपम् जो शिव जी का स्वरूप है। हम मंगला चरण में दो मंत्रों का आश्रय करके महादेव का अभिषेक करेंगे। इस लोकार्पण कार्यक्रम को बापू ने विश्वार्पण नाम दिया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्व को अर्पण है, इसलिए यह विश्वार्पण है।
दरअसल, प्रतिमा के सामने मुरारी बापू की कथा का पांडाल बनाया गया है। यह मुरारी बापू की 906वीं कथा होगी। यहीं से हनुमान चालीसा के साथ सीएम और बापू ने शिव प्रतिमा का इनॉग्रेशन किया। इस पांडाल में शिव प्रतिमा की रेप्लिका तैयार की गई है।
इससे पहले, इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सीएम अशोक गहलोत यहां गणेश टेकरी हेलिपैड पर पहुंचे तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया और उदय लाल आंजना ने गहलोत की अगवानी की।
इसका निर्माण तत पदम् उपवन संस्थान नाथद्वारा के ट्रस्टी मदन पालीवाल की ओर से करवाया गया है। यह एकमात्र ऐसी शिव प्रतिमा है, जिसमें 4 लिफ्ट के साथ इसकी ऊंचाई पर जाने के लिए 700 सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया है। 51 बीघा परिसर में इस प्रतिमा को तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इस प्रतिमा के 20KM दूर से भी दर्शन हो सकेंगे।
इस प्रतिमा के लिए मुरारी बापू शुक्रवार शाम नाथद्वारा पहुंचे। मदन पालीवाल और उनके परिवार की ओर से बापू का स्वागत किया गया। इसके बाद शनिवार सुबह बापू श्रीनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे। वे शिव प्रतिमा स्थल पर पहुंचे।

यूएस और यूके से आए भक्त
इस महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए यूके, यूएस, फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों से भी भक्त यहां दर्शन करने पहुंचे हैं। 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए भक्तों के लिए रहने और खाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।

500 से ज्यादा सिक्योरिटी तैनात, 1 हजार सीसीटीवी
आयोजन को लेकर सिक्योरिटी का खासा ध्यान रखा गया है। यहां 500 से ज्यादा पुलिस जवान और सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कथा के साथ आवास और भोजन प्रसाद के लिए भी सभी को अलग-अलग पास अलॉट किए गए हैं। इन पास के जरिए ही सभी को एंट्री दी जा रही है।
9 दिनों तक चलने वाले इस लोकार्पण महोत्सव में देश-विदेश से कई भक्त और वीआईपी गेस्ट भी पहुंचेंगे। शनिवार को होने वाले लोकार्पण में सीएम अशोक गहलोत, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, बाबा रामदेव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया समेत 20 से ज्यादा वीआईपी गेस्ट मौजूद रहेंगे।

351 फीट से कर सकेंगे जलाभिषेक
इस प्रतिमा पर 351 फीट पर जलाभिषेक भी हो सकेगा। लेकिन, इसके लिए अलग से परमीशन की जरूरत होगी। भक्तों के लिए अलग-अलग ऊंचाई से दर्शन की व्यवस्था की गई है। 270 से 280 फीट की ऊंचाई पर जाने के लिए ग्लास ब्रिज बनाया गया है। 20 फीट की हाइट पर एक्पीरियंस गैलरी होगी।

280 फीट पर भगवान के नाग के दर्शन
280 फीट की हाइट पर भगवान शिव का दायां कंधा है। यहां से आप तद पदम् उपवन का शानदार नजारा देख सकते हैैं। यहीं से भगवान शिव के नाग के दर्शन आपको आसानी से हो सकेंगे।

110 फीट की ऊंचाई पर विराजमान है भगवान शिव
टीम इसके बाद लिफ्ट के जरिए 110 फीट की हाइट पर पहुंची। इस एरिया में अब भी कुछ काम चल रहा था। जब आप ग्राउंड फ्लोर से भगवान शिव की प्रतिमा को देखते हैं तो कैलाश पर्वत जैसा आसन नजर आता है। यह 110 फीट की हाइट पर बना है। यहीं भगवान शिव का दायां हाथ जमीन पर टिका है। इस एरिया में एक छोटी से गैलरी बनी है, जहां से आपको उदयपुर हाईवे दिखता है।