May 20, 2024

फ्री यूनिफॉर्म पर गहलोत बोले- 200 में सिलाई संभव नहीं : पेरेंट्स कुछ खर्चा खुद करें, अगले साल से रेडिमेड ड्रेस मिलेगी

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- 200 रुपए में स्कूल ड्रेस की सिलाई संभव नहीं है। पेरेंट्स कुछ खर्चा खुद करें। ताकि स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म सिल जाए। कुछ लोग घर में भी ड्रेस सिल सकते हैं। टीचर से भी कहूंगा कि वो इसमें मदद करें। अपने जिलों के टेलर्स को इसके लिए तैयार करें, ताकि कम से कम पैसे में बच्चों की ड्रेस सिल सके।
गहलोत ने मंगलवार को सरकारी स्कूल के बच्चों को फ्री यूनिफॉर्म और बाल गोपाल योजना का वर्चुअल उद्घाटन हुआ। अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने 6 स्टूडेंट्स को स्कूल ड्रेस भेंट किया। इस योजना के तहत राजस्थान के 68 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को फ्री स्कूल ड्रेस और दूध दिया जाएगा।

अगली बार सिली सिलाई यूनिफॉर्म देंगे
गहलोत ने कहा- हम 2 जोड़ी यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए 200 रुपए दे रहे हैं। 200 रुपए में स्कूल ड्रेस की सिलाई संभव नहीं है। अगले शैक्षणिक सत्र तक हम कोशिश करेंगे कि स्टूडेंट्स को सप्ताह में 3 से 6 दिन तक दूध दिया जाए। दूध पूर्ण आहार की श्रेणी में आता है। इसलिए हम फाइनेंशियल मैनेजमेंट कर बच्चों को हर दिन दूध देने की कोशिश करेंगे। हमने इस बार भी स्टूडेंट्स को रेडिमेड यूनिफॉर्म देने की सोची थी। स्टूडेंट्स के साइज को लेकर हमारे पास कोई डेटा नहीं था। इसलिए इस बार यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया गया। अगली बार हम कोशिश करेंगे कि बच्चों को सिली हुई यूनिफॉर्म दी जाए। इसके लिए हर साइज में यूनिफॉर्म सिलवाई जाएगी।

अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना खत्म होने के बावजूद पोस्ट कोविड की समस्या अब तक लोगों को परेशान कर रही है। युवाओं को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इससे लोग समझ रहे हैं कि उन्हें दिल की बीमारी थी। ऐसा नहीं है। पोस्ट कोविड की वजह से ऐसा हो रहा है। मेरे भी दिल की कोई बीमारी नहीं थी। मैं दो बार कोरोना संक्रमित हुआ। उसकी वजह से मेरे हार्ट में स्टेंट लगा है। मैं आप सभी लोगों से अपील करना चाहूंगा कि आप लोग भी अपना ध्यान रखें। पोस्ट कोविड की वजह से थकान जल्दी आती है। कुछ लोगों को किडनी, हार्ट और लंग्स में प्रॉब्लम आती हैं। इसलिए खुद का ध्यान रखें। समय-समय पर चेकअप कराते रहें।

2 सेट कराए जाएंगे उपलब्ध
शिक्षा विभाग प्रदेश के 71,363 सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले 68 लाख से ज्यादा बच्चों को फ्री स्कूल यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट उपलब्ध कराएगा। यूनिफॉर्म सिलवाने के लिए प्रत्येक स्टूडेंट के खाते में 200 रुपए का भुगतान किया जाएगा। जिन बच्चों का खाता नहीं होगा, उनके परिवार के खाते में रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद आयुक्त मोहन लाल यादव ने बताया कि प्रदेशभर में जिला और ब्लॉक स्तर पर फेब्रिक पहुंच चुका है। आज से ही स्टूडेंट्स को वितरित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस पूरी योजना में अनुमानित 500 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
फ्री यूनिफॉर्म योजना को लागू करने के लिए ब्लॉक स्तर के पीईईओ (ग्रामीण इलाकों में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) और यूसीईईओ (शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) के जरिए स्कूलों में यूनिफॉर्म के फैब्रिक वितरित किए जाएंगे। ड्रेस उन्हीं बच्चों को मिलेगी, जिन्होंने कक्षा 1 से 8 तक में 30 अगस्त 2022 तक एडमिशन ले लिया है।

69 लाख स्टूडेंट्स को मंगलवार और शुक्रवार को मिलेगा दूध
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद आयुक्त मोहन लाल यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बाल गोपाल योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले 69 लाख से ज्यादा बच्चों को दूध दिया जाएगा। इसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 150 मिली लीटर और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिली लीटर मिल्क पाउडर से बना दूध प्रार्थना सभा के बाद दिया जाएगा। यह सुविधा सप्ताह में केवल दो दिन (मंगलवार और शुक्रवार) मिलेगी। गहलोत ने साल 2022 के बजट में 476.44 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का प्रावधान किया था। इसके तहत स्कूलों में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की मदद से दूध पहुंचाया जाएगा। इस योजना में दूध वितरण की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन समिति की रहेगी। दूध की गुणवत्ता फेडरेशन और एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) द्वारा जांची जाएगी।

स्कूलों में हर दिन अलग भोजन
फिलहाल मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में हर दिन मेन्यू के हिसाब से भोजन मिलता है। सोमवार को सब्जी रोटी, मंगलवार को दाल चावल, बुधवार को दाल रोटी, नमकीन चावल और सब्जी युक्त खिचड़ी, शुक्रवार को दाल रोटी, शनिवार को सब्जी रोटी खिलाई जाती है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को सप्ताह में एक दिन मौसमी फल भी खिलाते हैं।