May 20, 2024

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, आईएएस को चुनाव अधिकारी बनाने पर हुआ विवाद

जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव पर रोक लग गई है। जिला क्रिकेट संघों की ओर से चुनाव अधिकारी राम लुभाया को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव स्थगित कर दिए हैं। वहीं इस मामले पर शुक्रवार को लोकपाल समेत विभिन्न लंबित मुद्दों पर फिर सुनवाई होगी।
बता दें कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के लिए 26 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। जबकि आज नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। वहीं कल 30 सितंबर को वोटिंग और उसके बाद रिजल्ट जारी होना था। लेकिन चुनाव से एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को ही स्थगित कर दिया है।
दरअसल, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा 30 सितंबर को होने वाले चुनाव के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया को मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया गया था। जिस पर नांदू गुट की ओर से राम लुभाया के खिलाफ कोर्ट में शिकायत की गई। इसमें उन्होंने कहा कि राम लुभाया को राजस्थान सरकार द्वारा लाभ का पद दिया गया है। ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे आरसीए का चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पूरी संभावना है कि राम लुभाया मुख्यमंत्री के बेटे को फायदा पहुंचाएंगे। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव अधिकारी बनाए जाने तक चुनाव स्थगित किए जाने चाहिए। जिस पर कोर्ट ने नांदू गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है।

इन पधाधिकारियों ने किया नामांकन दाखिल
वैभव गुट पैनल : अध्यक्ष : वैभव गहलोत, उपाध्यक्ष : राजेश भडाना, सतीश व्यास, रतन सिंह, सचिव : भवानी सामोता, कोषाध्यक्ष : रामपाल शर्मा, संयुक्त सचिव : सतीश व्यास, राजेश भडाना, कार्यकारिणी सदस्य : फारूख अहमद।

नांदू गुट पैनल : अध्यक्ष : धनंजय सिंह, मु्केश शाह उपाध्यक्ष : धनजंय सिंह, मुकेश शाह, सचिव : राजेन्द्र सिंह नांदू, कोषाध्यक्ष : विनोद सहारण, संयुक्त सचिव : अरूण सिंह, कार्यकारिणी सदस्य : कोई नामांकन फाइल नहीं किया गया।

कार्यकारणी सदस्य पर मिल गई थी जीत
RCA कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए 30 सितंबर को सुबह 8 से 10 बजे तक वोटिंग प्रस्तावित थी। इसके बाद रिजल्ट जारी किया जाता। लेकिन कार्यकारिणी सदस्य पर वैभव गुट के फारूख अहमद निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। क्यों कि नांदू गुट कि और से फारुख के खिलाफ किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था। ऐसे में अब फारुख का निर्वाचन भी मान्य नहीं होगा।