May 19, 2024

लोक कलाएं हमारी महान सांस्कृतिक विरासत-डाॅ कल्ला
बीकानेर कला, संस्कृति एवं थियटर महोत्सव में की शिरकत
बीकानेर।
लोकायन संस्थान एवं कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित हो रहे पंद्रह दिवसीय कला, संस्कृति एवं थिएटर महोत्सव के माध्यम से बीकानेर ही नहीं बल्कि राजस्थान के सैकड़ों कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला है। ऊर्जा , जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने मंगलवार को बीकानेर कला, संस्कृति एवं थिएटर फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे बीकानेर के 150 से ज्यादा लोक कलाकारों का सम्मान समारोह में यह बात कही। धरणीधर रंग मंच पर आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में लोक कलाकारों को सम्बोधित करते हुए डाॅ कल्ला ने कहा कि कोरोना काल में पूरे वर्ष लोक कलाकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा लेकिन लोकायन संस्थान के इस प्रयास ने कलाकारों को आर्थिक सम्बल भी प्रदान किया है. उन्होंने लोक कलाकारों को विश्वास दिलाया कि कला एवं संस्कृति विभाग सदैव कलाकारों को प्रोत्साहित करने के प्रयास करेगा।
फेस्टिवल के नवल किशोर व्यास ने बताया कि सम्मान समारोह के दौरान भंवर भोपा और पार्टी ने रावण हत्थे पर पधारो म्हारे देश गाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके अलावा बीकानेर के वरिष्ठ लोक कलाकार सांवर लाल रंगा ने भी लोक गीत की प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमे बीकानेर और आस पास के गाँवों से आये 150 से अधिक लोक कलाकारों को मंत्री डॉ कल्ला, कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति एस पी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एस एस राठौड़ एवं लोकायन के अध्यक्ष महावीर स्वामी ने अभिनन्दन पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में लोकायन के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार पुरोहित ने सभी अतिथियों का धन्यवाद् ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी रोहित बोड़ा ने किया। इस अवसर पर लोकायन के संस्थापक कृष्ण चंद्र शर्मा भी उपस्थित थे।
लोकायन सचिव गोपाल सिंह चैहान ने बताया कि ऑनलाइन आयोजित हो रहे फेस्टिवल के कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार शाम 6 बजे विशेष कोठारी की विजयदान देथा की कहानियों के अनुवाद पर आधारित पुस्तक टाइम लेस टेल्स ऑफ मारवाड़, पर परिचर्चा का आयोजन होगा। उसके पश्चात बीकानेर में खेली जाने वाली ष्भगत पूरण मल की रम्मत का प्रदर्शन शाम 7 बजे होगा। रात्रि 8 बजे रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित रश्मिरथी नाटक का प्रदर्शन होगा तथा 8.30 बजे बीकानेर के कवियों द्वारा हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। कार्यक्रम का समापन 9.15 बजे बीकानेर के युवा गजल गायक कशिश आचार्य की गजलों के कार्यक्रम से होगा।