May 15, 2024

बचाव के प्रति जागरूकता की अपील
बीकानेर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी तथा सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को कोरोना जागरूकता अभियान के तहत ‘कोराना महामारी अर समाजू सरोकार’ विषयक राजस्थानी संगोष्ठी का आॅनलाइन आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. मदन केवलिया ने कहा कि कोरोना महामारी ने व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और जीवन मूल्यों पर गहरा असर डाला है। आज सामाजिक मेल मिलाप व सामाजिक सम्बन्धों में भी कोरोना के कारण बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों की कोरोना महामारी के प्रति आमजन को जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। प्रख्यात लेखक प्रेमचंद ने साहित्य को जनता के लिए मार्गदर्शक मशाल बताया था। साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से आमजन को सचेत करता है। उन्होंने स्वरचित राजस्थानी दोहे की दो पंक्तियां सुनाई- ‘कोरोना दरियाव में डूब रैयो संसार, समाजू सरोकार सूं होसी बेड़ा पार’।
संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डाॅं देवेन्द्र चैधरी ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव व उपचार के सम्बन्ध में चिकित्सा विभाग अपने सम्पूर्ण संसाधनों के साथ पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आमजन कोरोना से डरे नहीं, बल्कि इसका सावधानी से मुकाबला करें। बुजुर्गों, बच्चों व विभिन्न रोगों से ग्रसित व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि उनके लिए कोरोना अधिक घातक सिद्ध हो सकता है। अनावश्यक रूप से बाहर न निकलंे व निकलना जरूरी हो तो मास्क अवश्य लगाएं तथा अपने हाथों को साबुन-सेनेटाईजर से बार-बार धोएं।
उप निदेशक जनसम्पर्क विकास हर्ष ने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रशासन ने हरसंभव कदम उठाए हैं। लाॅकडाउन के दौरान प्रशासन द्वारा जरूरतमंदों को भोजन का वितरण तथा राज्य सरकार के निर्देशानुसार मजदूरों को ट्रेनों व बसों से उनके निवास स्थान तक भेजने की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की गई और निषेधाज्ञा के दौरान आमजन को उचित मूल्य पर दूध, सब्जी, राशन आदि का वितरण सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रिंट-इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा कोरोना से बचाव हेतु आमजन को समय पर महत्त्वपूर्ण समाचार व जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वेदप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि मंडल द्वारा कोरोना से बचाव हेतु विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर मास्क-सैनेटाईजर आदि का वितरण किया गया तथा कोरोना से बचाव हेतु आमजन को जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई, साथ ही असहाय पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई जो अभी भी जारी है। शहर के समाजसेवकों ने कोरोना लाॅकडाउन के दौरान सराहनीय कार्य किया।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने गोष्ठी की महत्ता बताते हुए कहा कि कोराना महामारी का मुकाबला करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने यथासंभव अपना योगदान दिया है। समन्वित प्रयासों से ही कोरोना को समाप्त किया जा सकेगा। संगोष्ठी का संचालन सहायक जनसम्पर्क अधिकारी भाग्यश्री गोदारा ने किया।