May 2, 2024

कांग्रेस अधिवेशन में ब्यूरोक्रेसी पर बरसे नेता : सीएम के सलाहकार राजकुमार बोले- हमारे विधायकों को जितने प्रलोभन मिले, उतने में तो पति-पत्नी एक दूसरे को छोड़ दें

जयपुर। कई दशक बाद हुए कांग्रेस के खुले अधिवेशन में शनिवार को कांग्रेस नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया। मंत्री-विधायकों और सीएम के सलाहकारों ने अधिवेशन में खुलकर कमियां गिनाईं। सीएम के सलाहकार और नवलगढ़ से कांग्रेस विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि हमारे मंत्री और अफसर कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखते हैं। ब्लॉक से राजधानी तक कार्यकर्ता के काम होने चाहिए। हम रैली करते हैं या कोई कार्यकम करते हैं तो यही कार्यकर्ता काम करता है, उसे भी नीचे किसी को ऑब्लाइज करना होता हे। हम कार्यकर्ता के काम करेंगे तभी तो फील्ड में उसके साथ लोग खड़े होंगे, आ​र्थिक युग है। कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखना बंद कीजिए।
राजकुमार शर्मा ने सियासी संकट की तरफ इशारा करते हुए कहा- आपके पास तो उदाहरण है, कितने कितने प्रलोभन थे हमारे विधायकों के पास, लेकिन आपको और कांग्रेस पार्टी को छोड़कर नहीं गए। इतने प्रलोभन किसी को मिल जाए तो पत्नी पति को और पति पत्नी को छोड़ दे। हमें यह अधिवेशन दो दिन का रखना चाहिए था। अब विधायकों के साथ खूब सम्मेलन कर लिए अब कार्यकर्ताओं के सम्मेलन करने चाहिए।

सीएम के सलाहकार ने पायलट खेमे की बगावत के समय हुए सियासी संकट को याद किया। प्रलोभन वाली बात का इशारा उसी की तरफ था।

नेता बोले- ब्यूरोक्रेसी हावी, कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं
राजकुमार शर्मा और दूसरे नेताओं ने कहा कि नौकरशाह हावी है। कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही है। शर्मा ने कहा- मैंने जिला अध्यक्ष को कार्यकर्ता के साथ कलेक्टर के पास भेजा। कलेक्टर ने कहा अध्यक्षजी आप अपना काम करा लो। मैं मंत्रियों के पास जाता हूं तो मंत्री कहते हैं आप खुद सीएम के सलाहकार हो। यह हालत है।
मंत्री मेघवाल बोले- अफसरों को नहीं दें टिकट
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि अफसरों को चुनाव के वक्त टिकट नहीं देनी चाहिए। ये लोग जिंदगीभर नौकरी करते हैं और फिर टिकट ले लेते हैं, जबकि पार्टी के लिए काम कार्यकर्ता करता है। मेहनत कार्यकर्ता करें और टिकट अफसरों को मिले तो ग्रासरूट पर वर्कर हताश होता है।

प्रतापसिंह बोले-महाराणा प्रताप की लड़ाई स्वाभिमान की थी, धर्म की नहीं
अधिवेशन में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच यृद्ध का प्रकरण भी उठा। दो दिन पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दोनों के बीच की लड़ाई को राजनीतिक और सत्ता का संघर्ष बताने पर विवाद चल रहा है। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि अकबर के साथ राणा प्रताप की लड़ाई धार्मिक नहीं, स्वाभिमान की लड़ाई थी। स्वाभिमान की इस लड़ाई को बीजेपी आरएसएस वाले धार्मिक रंग देते हैं।

अधिवेशन में खुलकर बोल रहे नेता
कांग्रेस के खुले अधिवेशन में कांग्रेस के कई नेता खुलकर कमियां खामियां गिना रहे हैं। ज्यादातर नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी पर निर्भरता की जगह कार्यकर्ता आधारित सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया है। नेताओं ने कहा कि चुनाव कार्यकर्ता जितवाता है, अफसर नहीं। कार्यकर्ता को मजबूत किए बिना केवल अफसरों के भरोसे काम नहीं चलेगा। अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा , गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, भंवर जितेंद्र सिंह, सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा,सभी मंत्री, एआईसीसी और पीसीसी मेंबर मौजूद हैं।