May 19, 2024

बजट पर मेयर और मंत्री आमने-सामने : मेयर बोली सांसदों मना किया इसलिए सीधे भेजा बजट; मंत्री बोले- मीटिंग कॉल ही नहीं की

जयपुर। जयपुर नगर निगम हेरिटेज के बजट को लेकर कैबिनेट मंत्री और मेयर आमने-सामने हो गए है। मंत्री ने बिना विधायकों से पूछे बजट को सीधे सरकार को भिजवाने का विरोध जताया है। वहीं मेयर ने कहा कि उन्हें सांसदों से बैठक की अनुमति नहीं मिली, इसलिए बजट बैठक कॉल नहीं की और सीधे सरकार को भिजवाया। मंत्री और मेयर के इन बयानों से जयपुर नगर निगम हैरिटेज में भी सियासत गर्माने लगी है।
दरअसल ये विवाद कल हुए घटनाक्रम के बाद शुरू हुआ। कल साधारण सभा बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस के कुछ पार्षद हैरिटेज कमिश्नर विश्राम मीणा से मिले और उनका घेराव किया। यहां उन्होंने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से कमिश्नर की फोन पर बात करवाई। इसके बाद मंत्री ने कमिश्नर को विधानसभा बुलाया और वहां बैठक नहीं बुलाने और बिना पूछे बजट सीधे सरकार को भेजने के मामले पर फटकार लगाई। इसके बाद कमिश्नर ने 12 से 15 मार्च के बीच बैठक बुलाने का आश्वासन दिया।

मीटिंग कॉल नहीं की और बिना पूछे कैसे भेज दिया बजट
मीडिया से बात करते हुए मंत्री खाचरियावास ने नगर निगम कमिश्नर पर नाराजगी जाहिर जताते हुए मेयर मुनेश गुर्जर को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब पार्षद बैठक बुलाना चाहते है तो परेशानी क्या है। चारों विधायक (प्रताप सिंह, अमीन कागजी, रफीक खान और महेश जोशी) बैठक बुलाना चाहते है और अगर इन चारों में से भी किसी को गलतफहमी है कि वो साधारण सभा नहीं चाहते तो बयान दे दे। उसके बाद भी अगर विश्राम मीणा सीधे बजट भेज रहे है तो वो होते कौन है बिना हमसे पूछे बजट भेजने वाले। हम चारों साधारण सभा के सदस्य है। आपने मीटिंग कॉल ही नहीं की और अगर आप मीटिंग कॉल करते और हम मना करते तब मानते। आपने तो मीटिंग कॉल किए बिना ही बजट भेज दिया।

सांसदों से अनुमति नहीं मिली तो बैठक कैसे हो सकती थी
इधर मेयर मुनेश गुर्जर का कहना है कि हमने फोन पर सांसदों से बात की साधारण बुलाने के लिए, उनकी तरफ से पत्र मिला कि लोकसभा का सत्र चल रहा है और ऐसे में बैठक बुलाना अभी ठीक नहीं है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा का भी बजट सत्र शुरू हो गया था, सब लोग वहां व्यस्त थे। सरकार की तरफ से 15 फरवरी तक बैठक करने का समय दे रखा था। इसलिए जब सांसदों से पत्र मिला तो उसके कारण बैठक हो ही नहीं सकती थी। हमे 28 फरवरी तक हर हाल में बजट भेजना जरूरी था अगर नहीं भेजते तो वह भी मंजूर नहीं होता। इसलिए हमने बजट भेज दिया। वहीं पार्षदों ने भी मुझसे कभी मिलकर बजट के संदर्भ में कोई रायशुमारी नहीं की। अगर वो चाहते है तो नोटिस जारी करके बैठक बुला लेंगे।

बैठक न बुलाने के पीछे विवाद का ये मूल कारण
मेयर और कुछ विधायक नहीं चाहते की समितियों का गठन हो। क्योंकि समितियों में संख्या को लेकर विवाद चल रहा है। जिस क्षेत्र से ज्यादा पार्षद जीतकर आए है वे ज्यादा समितियां लेना चाहते है, जबकि जिस क्षेत्र से कम पार्षद जीतकर आए है वे विधायक चाहते है कि समितियां सभी विधानसभा क्षेत्र में बराबर-बराबर मिले। इसको लेकर सबसे ज्यादा विवाद चल रहा है। इस कारण से न तो मेयर पिछले 2 साल से बैठक बुला रही।

6 बार दे चुके है धरना
समितियों के गठन और साधारण सभा बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस के ही विधायक मेयर और अपनी सरकार के खिलाफ पिछले डेढ़ साल में 6 बार धरना दे चुके है। आखिरी बार पार्षदों ने भूख हड़ताल करते हुए 3-4 दिन लगातार नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय के बाद धरना भी दिया था, लेकिन राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए धरना खत्म करना पड़ा था।