May 20, 2024

राजस्थान में बिजली कटौती की मार, पॉवर कट के बीच ऊर्जा मंत्री ने दिया यह बड़ा बयान
जयपुर। राजस्थान में बत्ती गुल है। सैंकड़ों गांव अंधेरे की जद में है। रात और दिन बिजली कटौती की मार है। मांग और उत्पादन में प्रतिदिन पांच करोड़ यूनिट का फासला बना हुआ है। ऐसे में कटौती की जद में शहर और उद्योग भी आ चुके है। प्रदेश में 5000 से अधिक आबादी के गांवों और शहरों में 1 से लेकर तीन घंटे का घोषित पॉवर कट है।
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 5 करोड़ यूनिट बिजली की कमी है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 28 करोड़ यूनिट प्रतिदिन के पार पहुंच चुकी है।
प्रदेश की विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। बिजली किल्लत के चलते ऊर्जा विभाग इन्हें जल्द शुरू करने की तैयारी में है। इनमें से तीन यूनिट मई के पहले या दूसरे सप्ताह में चालू हो सकती है, वहीं दो यूनिट करीब 2 माह बाद चालू हो पाएगी।

ये यूनिटें है फिलहाल बंद
कालीसिंध— 600 मेगावाट
छबड़ा थर्मल— 250 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सुपर क्रिटिकल)— 660 मेगावाट
सूरतगढ़ थर्मल (सब क्रिटिकल)— 250 मेगावाट
कोटा थर्मल प्लांट— 210 मेगावाट
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से 756 मेगावाट एन.टी.पी.सी. दादरी प्लांट से आवंटन के लिए आवेदन किया गया एवं राज्य को 179 मेगावाट का आवंटन हुआ और आपूर्ति प्रारंभ हो चुकी है। अडानी पावर से अतिरिक्त 40 मेगावाट एवं सी.जी.पी.एल. से 380 मेगावाट विद्युत आपूर्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है, जल्द ही इसकी आपूर्ति की संभावना है।

वर्तमान में यह है कटौती का सिड्यूल
ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने जारी किया कटौती का शिड्यूल
जयपुर, जोधपुर अजमेर संभागीय हैडक्वार्टर पर सुबह 7 से आठ
कोटा, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग हैडक्वार्टर पर सुबह 8 से 9 बजे
डिस्ट्रिक्ट हैडक्वार्टर पर सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक पावर कट
नगर पालिका व पांच हजार से अधिक आबादी के गांवों में सुबह 6 से 9 बजे तक कटौती
कृषि कनेक्शनों में 6 घंटे की बजाय पांच घंटे विद्युत आपूर्ति

पेयजल और अन्य जरुरतों के आधार पर समय में हो सकता है परिवर्तन
हालात बिगड़े तो राजस्थान के शहरी में 5 और ग्रामीण इलाकों में भीषण गर्मी के दौरान 10 घंटे तक रोजाना बिजली की कटौती की जा सकती है। अप्रैल 2021 की तुलना में इस साल 6 करोड़ 69 लाख यूनिट की डिमांड बढ़ी है, जबकि उत्पादन घटा गया है। जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को लोड शेडिंग कर फिलहाल करीब 2 करोड़ 12 लाख यूनिट बिजली की कटौती करनी पड़ रही है। रोटेशन के तहत फीडर को बंद करके अलग-अलग इलाकों की बिजली काटी जा रही है। अब तक इसकी सबसे ज्यादा मार गांवों और कस्बों पर पड़ रही थी। अब शहरी इलाकों में भी रोस्टर से बिजली काटने के निर्देश दे दिए गए हैं।
बिजली संकट के विकट हालात में जरूरी सेवाओं हॉस्पिटल, ऑक्सीजन प्लांट, पीने के पानी की सप्लाई, मिलिट्री इंस्टॉलेशन को बिना रुकावट सप्लाई देने के लिए कटौती जरूरी हो गई है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी जगह बिजली कटौती के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं। ऊर्जा विभाग का कहना है कि यह कटौती कुछ समय के लिए लागू की जा रही है और जैसे ही हालात सामान्य होंगे तो इसे बंद कर दिया जाएगा।
प्रदेश में 10 हजार 110 मेगावाट कैपेसिटी के थर्मल पावर प्लांट लगे हैं, लेकिन केवल 6600 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन ही रोजाना हो पा रहा है। कोयले की कमी का सामना दूसरे राज्यों के साथ ही राजस्थान के थर्मल पावर प्लांट्स को करना पड़ रहा है। प्रदेश में बिजली की बढ़ी हुई मांग पूरी नहीं हो पा रही है। विभाग के मुताबिक एनर्जी एक्सचेंज, शॉर्ट टर्म टेंडरिंग और दूसरे सोर्सेज से मंहगे दामों पर भी जरूरत के मुताबिक पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है।