May 21, 2024

रामदेवरा मेला : लगी 3 किमी लंबी कतारें, नंगे पांव पदयात्रा कर पहुंचा श्रद्धालु

जैसलमेर। लोकदेवता बाबा रामदेव के भक्तों की महिमा निराली है। कोई पदयात्रा कर, तो कोई कनक दण्डवत, कोई मोटरसाइकिल, साइकिल, तो कोई अन्य प्रकार से शारीरिक कष्ट सहकर यात्रा कर बाबा के द्वार पहुंचकर अपनी आस्था का इजहार करते है। ऐसे ही एक भक्त गुजरात के हिम्मतनगर निवासी रजनीभाई 20 किलो वजन का कपड़े का घोड़ा कंधे पर उठाकर 700 किमी की पदयात्रा नंगे पांव कर शनिवार रात पोकरण पहुंचे तथा रविवार को रामदेवरा पहुंचकर बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन किए।
श्रद्धालु रजनीभाई ने बताया कि वे तथा उनका परिवार बाबा रामदेव का अनन्य भक्त है एवं गत 21 वर्षों से मेले के दौरान रामदेवरा आ रहे है। पूर्व मेंं पांच बार पैदल यात्रा कर बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन किए है।
गत दो वर्षों से वे नंगे पांव चलकर रामदेवरा आ रहे है। शनिवार रात वे पोकरण पहुंचे। यहां सालमसागर तालाब स्थित नेपालेश्वर महादेव मंदिर में उनका स्वागत किया गया। रात्रि विश्राम के बाद रविवार को दोपहर वे रामदेवरा पहुंचे तथा बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन व पूजा-अर्चना कर समाधि पर अपने साथ लाया 20 किलो वजनी कपड़े का घोड़ा चढ़ाकर अमन, चैन व खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

लगी 3 किमी लंबी कतारें
बाबा रामदेव के जन्म अवतरण की पूर्व संध्या पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया। रविवार को माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के मौके पर 2 से 3 किमी लम्बी कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि के दर्शन किए। गांव में चारों तरफ बाबा के जयकारें गूंज रहे है। लंबी कतारों में 4 से 5 घंटे तक इंतजार कर श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शन कर रहे है। सैंकड़ों किमी लम्बा सफर तय करने के बाद पदयात्रियों के पांवों में छाले पड़ गए है, लेकिन दर्शनों के लिए वे इस कष्ट को भूलकर भी कतार में खड़े रहते है।

अब तक 20 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा की समाधि के दर्शन
एक अनुमान के अनुसार गत एक पखवाड़े में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि के दर्शन किए है। मेला विधिवत रूप से शुरू होने से पूर्व ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है तथा मेला अपने पूरे परवान पर है। जिससेे 8 हजार की आबादी वाला गांव रामदेवरा इन दिनों एक बड़े महानगर का रूप ले चुका है। गांव की सीमा में प्रवेश करते ही यहां का वातावरण धार्मिक रंग में रंगा नजर आ रहा है। गरीब व मध्यम वर्ग के श्रद्धालु धर्मशालाओं व होटलों में ठहरने की बजाय खुले आसमान के नीचे मेला मैदान में जहां जगह मिली, वहां अपना डेरा डालकर विश्राम करते नजर आ रहे है।

लाइनें पहुंची आरसीपी गोदाम से आगे तक
यूं तो एक पखवाड़े से बाबा रामदेव का अंतरप्रांतीय मेला अपने परवान पर चल रहा है, लेकिन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से एक दिन पूर्व की स्थिति और भी विशाल हो गई। गत 15 दिनों से मंदिर के मुख्य द्वार से पेड़ीवाल धर्मशाला तक चार से पांच लाइनें चल रही थी। रविवार को दर्शनार्थियों की भीड़ के चलते यही लाइनें आरसीपी गोदाम से आगे तक पहुंच गई। रविवार देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ व कतारों का सिलसिला जारी था।

देर रात कतारों में लग गए श्रद्धालु
शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर रविवार की मध्यरात्रि बाद 1 बजे बाबा रामदेव की समाधि स्थल के द्वार बंद कर दिए गए, ताकि समाधि परिसर में सफाई की जा सके। इससे पूर्व ही रात 11 बजे ही लाइनों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी। सैंकड़ों श्रद्धालु बाबा रामदेव की समाधि पर होने वाले अभिषेक व आरती के दर्शनों के इंतजार में कतारों में विश्राम व सोते नजर आए।