May 15, 2024

जयपुर। विधानसभा में भूत जैसा अंधविश्वास या यों कहें कि ‘कुछ तो गड़बड़ है’ जैसा सीन राजस्थान विधानसभा में चल रहा है। अंधविश्वास और टोने-टोटकों की बात एक बार नहीं हजार बार की गई है, भले ही वो कानाफूसी हो।

गुरुवार को बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद एक बार फिर विधानसभा चुनाव 200 सीटों की बजाय 199 सीटों पर लड़े जाएंगे। बेहद ही अजीब संयोग यह भी है कि सन् 2001 के बाद तो कभी भी विधानसभा में एक साथ 200 विधायक एक साथ नहीं पहुंचे। कभी किसी का निधन, कभी कोई बीमारी से ग्रसित तो कोई आपराधिक मामले में जेल यात्रा पर रहा है।

उपचुनावों की गणित ने भी विधायकों की संख्या 200 के आंकड़े तक नहीं पहुंचने दिया। गत विधानसभा सत्र के दौरान भी भूत—प्रेतों को लेकर खुद विधायकों ने भी आगे चलकर आशंका जताई थी। जिनमें कालूलाल गुर्जर, हबीबुर्रहान आदि ने कहा था विधानसभा में बुरी आत्मा का साया है।

कारण बताया जा रहा है कि 25 फरवरी 2001 को नए विधानसभा भवन में का उद्घाटन उस समय के राष्ट्रपति केआर नारायणन करने वाले थे लेकिन अचानक बीमार होने की वजह से वो भी नहीं आ सके। फिर बिना किसी उद्घाटन के ही विधानसभा शुरू हो गई। अब देखना है कि आने वाले विधायक इन भूतों के सायों को दूर कर पाएंगे या यही कहेंगे कि विधानसभा में भूत है।