May 17, 2024

यूक्रेन से सकुशल घर पहुंची बीकानेर की दो बेटियां
बीकानेर। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में जान बचाकर बीकानेर की दो बेटियां बुधवार को बीकानेर पहुंच गई। इन्हीं में एक शिवांगी शर्मा दिल्ली फ्लाइट से बीकानेर आई। शिवांगी बताती है कि पोलैंड के रास्ते भारत आने से पहले उसे पानी पीकर दिन गुजारना पड़ा। वहीं, कई किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन तक आए। यूक्रेन में इन दिनों अफरातफरी मची हुई है। वो खुश है कि केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से वो बीकानेर आ गई है। बीकानेर की शिवांगी शर्मा यूक्रेन के लवीव शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। आज बीकानेर लौटने पर मीडिया से बातचीत में शिवांगी ने बताया यूक्रेन के हालात बदतर हो रहे हैं, लेकिन भारतीय दूतावास और भारत सरकार वहां छात्रों के लगातार सम्पर्क में है। शिवांगी ने बताया की भारतीय दूतावास ने उन्हें और अन्य भारतीय छात्रों को लवीव से निकालकर पौलेंड बार्डर तक पहुंचाया वहां उन्हें दो दिन तक एक होटल में रखा गया। जहां से उन्हें इंडिगो की फ्लाईट से दिल्ली एयरपोर्ट तक लाया गया। जिसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट से राजस्थान सरकार ने उन्हें हवाई मार्ग से ही बीकानेर पहुंचाने की व्यवस्था की। बेसब्री ने अपनी बेटी का इंतजार रही शिवांगी का मां ने उन्हें घर पहुंचते ही गले लगा लिया। उन्होंने बताया की चिंता जरूर हुई थी लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था की उनकी बेटी सकुशल घर आयेगी। शिवांगी के पिता कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत हैं, उनसे बातचीत में उन्होंने बताया की वो लगातार सम्पर्क थे, इसी बीच ऑवर फार नेशन संस्था के सीए सुधीर शर्मा ने भी भारतीय दूतावास से जारी हो रही एडवायजरी और बाकी सूचनाओं को समझने और प्रक्रियाएं पूरी करवाने में उनकी पूरी सहायता की। सुधीर शर्मा फंसे हुए छात्रों के परिजनों की सहायता के लिए लगातार सक्रिय है। यूक्रेन से आयी भारतीय छात्रा एमबीबीएस तीसरे वर्ष की छात्रा वर्णिका कालरा भी बीकानेर आ गई है। जयनारायण व्यास कॉलोनी निवासी तुलसीराम कालरा की बेटी वर्णिका ने बताया कि जब से यूक्रेन और रूस का युद्ध प्रारंभ हुआ है। तभी से सब परेशान थे। भारतीय एंबेसी के सहयोग से वो बीकानेर तक पहुंच सके। वर्णिका के बीकानेर पहुंचने पर घर पर उसका स्वागत किया गया।