May 20, 2024

शहर मेंं पानी उपभोग का नहीं हो रहा सही आंकलन
बीकानेर। शहर में जलदाय विभाग द्वारा सभी उपभोक्ताओं को पानी के मीटर कागजों में भले ही आंवटित कर रखे हों, लेकिन हकीकत यह है कि शहर में अधिकांश प्रतिष्ठानों और घरों पर पानी के मीटर गायब है, इसके चलते सभी उपभोक्ताओं से एक जैसा शुल्क वसुला जा रहा है। वहीं उपभोक्ताओं का कहना है कि कई लोगों के कम पानी की जरुरत होती है, तो कई के बहुत ज्यादा पानी की जरुरत होती है। जलदाय विभाग की ओर से शहर में करीब २२ हजार नल कनेक्शन दे रखे हैं। अधिकांश नलों पर कागजों में ही मीटर लगे हुए है। वहीं जिन लोगों के मीटर लगे हुए है उनसे सर्विस चार्ज भी वसूला जा रहा है। इसमें से सितम्बर 2017 से सर्विस चार्ज बढ़ाकर 22 रूपए कर दिया है। ऐसे में दो माह का सर्विस चार्ज 44 रूपए लिए जा रहे हैं, जो बिल में ही जोड़कर दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक उपभोक्ता से स्थाई शुल्क भी लिया जा रहा हैं। जानकारी के अनुसार अभी शहर में अधिकांश उपभोक्ताओं को औसत बिल दिया जा रहा। इसमें एक माह का प्रत्येक उपभोक्ताओं को 25 हजार लीटर पानी दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले 90 रूपए आया करता था। जिसे काफी बढ़ाकर दिया गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब पानी का बिल फ्लैट रेट पर सभी उपभोक्ताओं को समान जारी किया जा रहा है। वहीं अधिकांश घरों-प्रतिष्ठानों में मीटर नहीं होने से पानी का असमान वितरण हो रहा है। इससे कई कॉलोनी में घंटो तक नल आ रहे हैं,तो कई में 15 से 20 मिनट ही आ रहे हैं। तो कई कॉलोनियों में कई दिनों से बहुतकम पानी आ रहा है।
अवैध कनेक्शनों को मिल रहा बढ़ावा
शहर में वैसे तो कागजों में सभी नलों पर मीटर बता रखे हैं, लेकिन मौके पर कहीं भी मीटर नहीं लगे होने से अवैध कनेक्शनों का पता ही नहीं चल पा रहा है। वहीं कई लोग गुपचुप तरीके से मुख्य राईजिंग लाइन व कॉलोनियों में बिछाई गई पाइप लाइन से अवैध रूप से नल कनेक्शन कर पानी की चोरी कर है। लेकिन विभाग की ओर से अवैध नल कनेक्शनों की ओर कोई ध्यान नहीं है।
यह है नल कनेक्शन जारी करने के नियम
यदि कोई उपभोक्ता जलदाय विभाग से नल कनेक्शन लेना चाहता है, तो उसे मकान का मालिकाना हक, नगर निगम व पीडब्ल्यूडी की एनओसी लेने के बाद आवेदन जमा करना होता है। इसके अलावा नल कनेक्शन जारी करने से पहले मीटर रीडर की रिपोर्ट कराई जाती है। मीटर रीडर नल पर मीटर लगा होना दिखाकर रिपोर्ट कर देते हंै। जबकि मौके पर मीटर लगाया ही नहीं जाता है। इसके चलते उपभोक्ता द्वारा पानी का उपभोग किए जाने का आंकलन नहीं हो पाता है।
अमृत योजना में नहीं होगी बिना मीटर के सप्लाई
अभी भले ही शहर में कहीं भी मीटर नहीं लगे हो, लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि अमृत योजना में बिना मीटर के कहीं भी पानी की सप्लाई नहीं होगी। विभाग द्वारा प्रत्येक डीएमई क्षेत्र का एरिया वाईज आंकलन होगा। इससे पूरा पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र में कितने पानी का उपभोग हो रहा है। इसकी भी बिलिंग की जाएगी।