May 3, 2024

बीकानेर. सरकार के हर जिले एवं रेंज मुख्यालय पर साइबर थाना खोलने की घोषणा अब तक फलीभूत नहीं हो पाई है। राजस्थान के हनुमानगढ़ व झुंझुनूं जिलों में साइबर थाना खुल चुका है, लेकिन बीकानेर रेंज मुख्यालय व अन्य जिले इससे वंचित हैं। साइबर थाना नहीं खुलने से साइबर अपराध संबंधी मामलों का सही आंकलन-निष्पादन नहीं हो पा रहा है। सामान्य थानों में दर्ज साइबर अपराध संबंधी मामले भी ठंडे बस्ते में हैं। गौर करने वाली बात है कि प्रदेश के सभी जिलों में साइबर सेल तो कार्य कर रही है, लेकिन थाना नहीं खुल पाया है। जबकि थानों के लिए स्टाफ व सामान के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रदेश में 33 जिले हैं। इनमें आने वाले साइबर क्राइम के अपराधों का जल्द निस्तारण हो, इसलिए साइबर थाने शुरू किए जाने हैं। हर जिला व रेंज मुख्यालय पर एक-एक थाना होगा। थानों में इंटरनेट, सोशल मीडिया, कंप्यूटर, मोबाइल के जरिए होने वाली ठगी की घटनाओं में कमी लाने तथा तुरंत कार्रवाई कर पीडि़त को राहत दिलाई जा सकेगी। अब तक प्रदेश के दो जिलों में ही साइबर थाना खुल पाया है, जबकि शेष 31 जिलों में अब भी थाना खुलने का इंतजार है।

पूरा जिला रहेगा कार्यक्षेत्र
जिले के साइबर थाने का कार्यक्षेत्र पूरा जिला रहेगा। यहां डीएसपी के सुपरविजन में 1 सीआइ, 3 एएसआइ, 2 एसएसआइ, 2 हेडकांस्टेबल, 5 कांस्टेबल, चालक, एक प्रोगामर-एक सूचना सहायक समेत 15 कर्मियों का स्टाफ रहेगा। पूरे राजस्थान में 480 साइबर क्राइम एक्सपर्ट 33 जिलों में तैनात रहेंगे। इसमें जयपुर से साइबर क्राइम में ट्रेनिंग ले चुका एक्सपर्ट स्टाफ रहेगा। प्रोगामर व सूचना सहायक पीएचक्यू से या जिला प्रशासन की तरफ से नियुक्त होगा।

थाने में होगा आधुनिक संसाधन
थाने में सात लाख रुपए की लागत से जीप, एक बाइक, 5 ऑफिस टेबल, 5 कंप्यूटर टेबल, 10 ऑफिस चेयर, 20 विजिटर कुर्सी, 5 अलमारी, इंटरनेट, टेलीफोन व संसाधन स्वीकृत किए गए हैं। अगले साल जगह चिन्हित हाेगी और बजट जारी होने के बाद थाने की बिल्डिंग बनाई जाएगी।