April 30, 2024

सात दिन में डेयरी बूथ आवंटित करने के आदेश : स्वायत्त शासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को लिखा पत्र; 20 तक प्रक्रिया पूरी कर आवंटन करें

जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश में 5 हजार डेयरी बूथों के आवंटन की जो घोषणा की थी। उसे पूरा करने के लिए सभी कलेक्टरों को 7 दिन का समय दिया है। स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से आज जारी एक आदेश में 20 मार्च तक आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने की डेडलाइन जारी की है। सरकार ने अपने बजट 2022-23 में राज्य में 5 हजार डेयरी बूथों के आवंटन की घोषणा की थी। इसके लिए प्रदेश की सभी नगरीय निकायों ने अपने-अपने एरिया में डेयरी बूथों के लिए जगह चिह्नित करके आवेदन मांगे थे। इसमें सबसे ज्यादा डेयरी बूथ जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 1144 हजार आवंटित करने का प्रावधान था। इन डेयरी बूथों के आवेदन लेने के बाद निकायों में अब तक इनके आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।

एक हजार बूथ महिलाओं को करने है आवंटित
सरकार ने इन 5 हजार बूथों में से एक हजार बूथ स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आवंटित करने के आदेश दिए है। इसके लिए बकायदा जिलेवार बूथों की संख्या भी आरक्षित की है। ताकि इन महिलाओं को रोजगार मिल सके।

जयपुर में 35 हजार आवेदन
जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज एरिया में 1144 बूथ आवंटन करने के लिए दिसंबर 2021 में आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए दोनों नगर निगम में कुल 35 हजार आवेदन आए थे। पिछले महीने विधानसभा में जब इन आवंटन पर जब विधायक कालीचरण सराफ ने प्रश्न पूछा था तब मंत्री रामलाल जाट ने बताया कि था कि इन आवेदनों में से 10 का आवंटन कर दिया है। तब मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में जल्द निस्तारण की कार्यवाही की जाएगी।

31 दिसंबर तक करना था आवंटन
पिछले साल नवंबर में स्वायत्त शासन निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए सभी निकायों के प्रमुख (अधिशाषी अधिकारी या आयुक्त) को 31 दिसंबर तक आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए बकायदा निकायों में पिछले साल एक अलग से कमेटी भी बनाई थी। लेकिन उस आदेशों को 4 महीने से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।

अब 7 दिन में आवंटन कैसे करें?
अब स्वायत्त शासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिले की नगरीय निकायों में इन डेयरी बूथों के आवंटन की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के आदेश जारी किए है। सचिव जोगाराम की ओर से जारी आदेशों में 20 मार्च तक का समय कलेक्टरों को दिया है। साथ ही इस काम को प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिए है।