सर्द मौसम में चल रहा युद्धाभ्यास
बीकानेर। सर्द मौसम में अपनी ताकत बढानें में जुटी सेना पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा चल रहे युद्धाभ्यास में दुश्मन को शिकस्त देने के लिये वायुसेना के अपनी ताकत परख रही है। ऑपरेशन ‘हमेशा विजयÓ में अदम्य साहस, युद्ध कौशलता और गहराई के इलाकों में जाकर दुश्मन को दो टूक जवाब देने की मारक क्षमता का प्रशिक्षण हासिल कर रही सेना का यह युद्धाभ्यास अब अंतिम चरण में है। अत्याधुनिक हथियारों के साथ हो रहे इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के साक्षी समापन अवसर पर 22 दिसंबर को सेना प्रमुख विपिन रावत साक्षी बन सकते हैं। इधर पाकिस्तान ने भी भारतीय सीमा पर चले रहे युद्धाभ्यास को देखते हुए अपने बॉर्डर पर सतर्कता बढा दी है। पश्चिमी राजस्थान लगती सीमा में थार के धोरों में सेना के जवान दुश्मन के इलाकों में गहराई में जाकर सशस्त्रों बलों के मूल्यांकन , यूनिट एवं फार्मेंशन अपने रण कौशल एवं रणनीति को उच्चकोटि का बनाने के लिए पिछले दो माह से प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद एकीकृत रूप से टैंक, बख्तरबंद गाडिय़ां एवं वायुसेना के साथ पूरा तालमेल बैठाते हुए सैनिकों ने युद्धाभ्यास को आगे बढ़ाया है। इस युद्धाभ्यास में सर्वेलन्स नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का भी परीक्षण किया गया। पारंपरिक युद्ध के अलावा सैनिकों को रासायनिक और परमाणु आकस्मिकताओं के लिए भी अभ्यास करवाया जा रहा है। सेना और वायुसेना के बीच उच्च स्तर के तालमेल को थार के धोरों में बखूबी सीखा गया है। युद्ध अभ्यास के 22 दिसंबर को समापन के अवसर सेना प्रमुख विपिन रावत के आने की संभावनाओं के मद्देनजर भी तैयारियां की जा रही हैं।