May 19, 2024

श्रीगंगानगर। स्थानीय फल-सब्जी मंडी के अलावा जिले की सभी 13 मंडियों में सब्जी उत्पादक किसान खुले में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। ज्यादातर मंडियों में स्थान पिड़ भी उपलब्ध हैं, लेकिन अव्यवस्था के कारण सिस्टम के विपरीत खुले में कारोबार हो रहा है। इससे उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। श्रीगंगानगर जिले की 13 मंडियों में खुले बाजार में सब्जी कारोबार संचालित है। किसान यहां सीधे लाकर सब्जी विक्रेताओं को बेचते हैं। इन मंडियों में कृषि जिंसों की खरीद-फरोख्त के लिए मंडी समितियों के अधीन केंद्र स्थापित हैं, फिर भी कारोबार खुले बाजार में चल रहा है। मंडी समितियों को सब्जी कारोबार से मंडी शुल्क भी लिया जाता है, लेकिन सब्जी उत्पादकों को सुविधाएं देने की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में सब्जी उत्पादकों को सब्जी बेचने के लिए मंडियों में सुविधाएं मिलना तो दूर अपनी कृषि उपज का उचित भाव ही मिल पा रहा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सब्जी उत्पादन वाले क्षेत्रों में मंडी समितियों की ओर से सब्जी बेचान के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। जहां मंडी गौण मंडी स्थापित है। वहां सब्जी कारोबार शिफ्ट किया जाए। जहां जगह नहीं है वहां यार्ड स्थापित किया जाए। मंडी सचिवों द्वारा सरकार के आदेश के बावजूद मंडी सचिवों की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लेने पर कृषि विपणन बोर्ड निदेशक नन्नू राम पहाडिय़ा ने नाराजगी जाहिर करते हुए सात दिवस में प्रगति रिपोर्ट मांगी है।