May 6, 2024

हनुमानगढ़। कमजोरआवक के कारण ग्वार में तेजी आई है। ग्वार में पिछले दो-तीन दिनों में करीब 300 रुपए का उछाल आया। इससे ग्वार 4200 रुपए प्रति क्विंटल को पार कर गया। हालांकि व्यापारी ग्वार की आवक कमजोर बता रहे हैं, जबकि समझा जा रहा है कि स्टॉकिस्टों को भनक लगी है कि किसानों के पास ग्वार का स्टॉक खत्म हो गया है। इस साल ग्वार की गत वर्ष की तुलना में आवक ज्यादा रही है। गत वर्ष अप्रैल से नवंबर तक 2 लाख 26 हजार 849 क्विंटल ग्वार की आवक हुई जबकि इस साल आलोच्य अवधि में यहां की धान मंडी में ग्वार की आवक ढाई लाख क्विंटल को पार कर गई। ग्वार में यह तेजी दो साल बाद आई है। ग्वार के भावों में करीब 3-4 साल पहले बेतहाशा तेजी देखने को मिली थी, जिसके चलते कई लोगों ने इसका फायदा उठाया। बाद में उतनी ही तेजी से गिरावट गई। इससे अनेक लोग नुकसान की चपेट में भी आए। ग्वार में अचानक आई तेजी पर एक बार विराम लग सकता है अथवा 200 रुपए फिसल सकता है, क्योंकि ग्वार की इस तेजी को देखते हुए कुछ स्टॉकिस्ट अपना माल निकाल सकते हैं। हालांकि इसके बाद पुन: संभलने की संभावना है। व्यापारी नेताओं के अनुसार ग्वार में 4200-4300 का भाव काफी संतोषजनक है। कुछ व्यापारियों का मानना है कि ग्वारगम के निर्यात में बढ़ोतरी होने के कारण ग्वार सीड में तेजी आई है। मार्केट से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल नवंबर तक ग्वार के अधिकतम भाव 3600 रुपए प्रति क्विंटल थे। इस कारण पिछले साल की तुलना में किसानों ने तेजी से अपनी फसल धान मंडी में बिक्री के लिए डाल दी। इसके बाद हल्की सी तेजी आई और बाद में ग्वार के भाव नहीं टूटे। इससे किसानों के चेहरे पर चमक आई और नई धानमंडी में आवक नहीं टूटी, लेकिन व्यापारी नेता इसे नहीं मानते। दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खदरिया एवं पूर्व अध्यक्ष संजय महिपाल ने बताया कि राज्य का अधिकांश ग्वार हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिले में होता है। गत वर्ष 30 लाख बोरियों की आवक हुई जबकि इस साल 22 लाख से अधिक होने के आसार नहीं है।