May 17, 2024

गहलोत के सलाहकार भाजपा नेता प्रतिपक्ष के समर्थन में उतरे : संयम लोढ़ा बोले- यूपी से आए व्यक्ति ने कटारिया के चरित्र पर ऊंगली कैसे उठाई, कार्रवाई करनी चाहिए

उदयपुर। सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में हो रही गड़बड़ियों को लेकर अब सरकार के नेता भी मैदान में उतर आए हैं। बीजेपी और दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेता यूनिवर्सिटी को लेकर सवाल उठा रहे थे। अब गहलोत सरकार के नेता सिरोही विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहर संयम लोढ़ा ने सवाल उठा दिए हैं। संयम ने इस मामले में कुलपति के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी जाहिर करते हुए भाजपा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का समर्थन किया है। यहां तक की संयम ने कटारिया को बेदाग छवि वाला नेता तक कहा है।
विधानसभा में सोमवार को संयम लोढ़ा ने कहा कि मैने एक कुलपति का बयान पढ़ा कि गुलाबचंद कटारिया जमीनों पर कब्जे करवाने में शामिल हैं। राजस्थान में कांग्रेस का ऐसा कौनसा विधायक है जो गुलाबचंद कटारिया का सम्मान नहीं करता। आदर नहीं करता। वहीं, भाजपा का ऐसा कौनसा विधायक है जो अशोक गहलोत का सम्मान और आदर नहीं करता। इस तरह का बयान हम सब के लिए और इस सदन के लिए लज्जा की बात है।

कटारिया का जीवन बेदाग : संयम लोढ़ा
लोढ़ा ने कहा कि जिस आदमी का इतना लम्बा जीवन पूरी बेदाग रहा है। यूपी से आए हुए ने इतनी हिम्मत कि वो राजस्थान की विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के चरित्र पर उंगली उठाए। मैं समझता हूं उसी दिन सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। उसी दिन कमेटी बनानी चाहिए थी।
संयम लोढ़ा ने आरोप लगाया कि सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के कारनामे किसी से छुपे नहीं हैं। इसमें मर्जी आए जैसे अपॉइनमेंट, मर्जी आए जैसे प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। दायरे से बाहर जाकर खर्चा किया जा रहा।

टीचर्स की नियुक्ति के लिए अथॉरिटी बने
संयम लोढ़ा ने प्रदेश के निजी और सरकारी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भर्ती में होने वाली अनियमितताओं के लिए राजस्थान में यूनिवर्सिटी टीचर्स के अपॉइनटमेंट की अथॉरिटी बनाए जाने की मांग की है। संयम लोढ़ा ने पिछले तीन साल में प्रदेश की यूनिवर्सिटीज ने जनता के पैसे का कहां उपयोग किया है उसकी जांच कराने की मांग भी की है।

ये है मामला
सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में पिछले कुछ समय से अनियमितत्ताओं के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें वित्तीय गड़बड़ियों से लेकर कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह की योग्यता जैसे कई मसले शामिल हैं। मनमर्जी से अपॉइंटमेंट, अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर खर्च करना, नियमों के विरूद्ध आदेश पारित करने, नियम विरूद्ध बैठकें करने, छात्रहित की जरुरतों को परे रखकर मनमर्जी से काम करने को लेकर कुलपति का विरोध हो रहा है। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, नॉन-टीचिंग और छात्रों का एक बड़ा वर्ग कुलपति के खिलाफ है। उनके खिलाफ शिकायतें भी राजभवन को सरकार को की जा चुकी है। राजभवन ने उनके खिलाफ जांच के लिए कमेटी भी बनाई है। वहीं, बीजेपी उदयपुर में एक महीने से कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।