May 6, 2024

जयपुर. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की कार्यकारिणी एवं सहयोग/संघर्ष समिति की हुई बैठक में केन्द्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 के विरोध में राज्य की 247 मंडियां मंगलवार से चार दिन (25, 26, 27 व 28 अगस्त) व्यापार बन्द रखेगी है। आन्दोलन की आगे की रूपरेखा तय करने के लिए 28 अगस्त को पुन: सहयोग/संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की जाएगी।

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि राजस्थान की मण्डियों में कार्य करने वाले व्यापारी संघ के आगामी निर्णय तक मण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस मण्डी समिति को अदा नहीं करेंगे। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल से सम्पर्क कर इस आन्दोलन को पूरे भारत के स्तर पर उठाया जाना चाहिए तथा राजस्थान से लगती पंजाब, हरियाणा तथा चण्डीगढ़ के पदाधिकारियों से भी चर्चा की जावें। बैठक में राज्य की सभी 247 मण्डियों के प्रतिनिधि तथा सहयोग/संघर्ष समिति के सदस्य उपस्थित थे।

क्यों हो रहा है विरोध
इसी अध्यादेश के अधीन मंडियों से बाहर काम करने वाले व्यापारी, मिलर, वेयरहाउसेज बगैर मण्डी लाइसेन्स तथा बिना मण्डी सेस चुकाये जिंसों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। इस कानून के अनुसार राज्य के किसी भी कोने में किसान, ट्रेडर, आढ़तिया क्रय-विक्रय कर सकेंगे तथा राज्य के बाहर भी कृषि जिंस का खरीद-फरोख्त, बिना अनुज्ञापत्र लिए तथा बगैर मण्डी सेस चुकाये कर सकेंगे। इसके कारण मंडियों में कार्यरत व्यापारी व आढ़तियां का व्यापार समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। तथा मण्डी के बाहर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाएंगे।

क्या है मांगें
व्यपार संघों का केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि वे जिस प्रकार इस अध्यादेश के अन्तर्गत मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किए हैं, उसी प्रकार मंडियों में भी मण्डी सेस व अन्य सेस समाप्त करें। मंडियों के मेन्टीनेन्स के लिए नोमिनल मेन्टीनेन्स चार्जेज लिए जा सकते हैं। यदि केन्द्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मण्डी के बाहर कार्य करने वाले व्यापारी, मिलर आदि को भी राज्यों में लागू मण्डी टैक्स देय लागू किया जाए।