May 6, 2024

लकी ड्रा के बहाने 200 निवेशकों को लगाया 2.1 करोड़ का चूना

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रविवार के दिन उत्तम नगर में आभूषण की दुकान चलाने वाले बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है. इन दोनों पर सरकार से अनुमोदित लकी ड्रा योजना में निवेश का लालच देकर 2.1 करोड़ रुपये निवेश करा लेने और फिर 200 से अधिक निवेशकों के पैसे लेकर फरार हो जाने का आरोप है. धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार दोनों बाप-बेटे से आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के निवासी 59 साल के भुवनेश का परिवार 30 साल से भी अधिक समय से दिल्ली में रहता है. भुवनेश और उनका बेटा 34 साल का विवेक दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में आभूषण की दुकान चलाते हैं. ईओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस कमिश्नर (जेसीपी) ओपी मिश्रा ने कहा कि पिछले साल दोनों के खिलाफ सरकार की ओर से अनुमोदित श्रीमोहिनी इंटरप्राइजेज लकी ड्रा स्कीम के नाम पर निवेशकों को प्रेरित करने और ठगने का मामला दर्ज किया गया था. तभी से दोनों की तलाश थी. वे फरार चल रहे थे.

मिश्रा के मुताबिक दोनों ने पीड़ितों को झांसे में लेने के लिए सरकार से अनुमोदन के फर्जी कागजात भी दिखाए थे. वे आभूषण की दुकान चलाते थे, इसलिए लोगों ने भी जल्द ही भरोसा कर लिया. उन्होंने कहा कि बाप-बेटे पर जून 2017 में दो योजनाएं पेश करने के आरोप हैं. एक में प्रत्येक सदस्य को हर माह 3000 रुपये और दूसरी योजना में प्रत्येक सदस्य को 7500 रुपये जमा करने थे. इन योजनाओं की अवधि 20 महीने बताई गई थी. कार, एसी और फ्रीज को भी पुरस्कार के तौर पर दिखाया गया था. लकी ड्रा में इनाम न मिलने पर भी गहने की गारंटी दी गई थी.

ईओडब्ल्यू के जेसीपी ने कहा कि आरोपियों ने इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए पम्फलेट भी बांटे. साल 2018 के नवंबर महीने तक आरोपियों ने 18 लकी ड्रा आयोजित भी किए. बाद में करीब 2.1 करोड़ रुपये जुटा रात के समय अपनी दुकान बंद कर इलाके से फरार हो गए. जांच के दौरान पुलिस ने पीड़ितों के बैंक खाते के स्टेटमेंट लिए और लकी ड्रा स्कीम के तहत पैसे जमा करने पर मिलने वाली रसीद भी लिया.

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान निवेशकों को निवेश के लिए सदस्यता कार्ड भी जारी करते थे. निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने एक साल तक लकी ड्रा का आयोजन किया भी. जेसीपी मिश्रा ने कहा कि ईओडब्ल्यू ने दोनों बाप-बेटे की गिरफ्तारी के लिए उनकी दुकान और निवास पर भी छापे मारे, लेकिन वे फरार थे और लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे.