May 17, 2024

ईआासीपी का काम रुकवाने को एमपी की एससी में याचिका : गहलोत बोले- यह पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पानी से वंचित करने का षडयंत्र

जयपुर। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) में चंबल और सहायक नदियों पर चल रहे काम को रुकवाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इस याचिका को लेकर अब राजस्थान और मध्यप्रदेश की सियासत गर्माने के आसाार बन गए है। मध्यप्रदेश सरकार की याचिका को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने निशाना साधा है। गहलोत ने आज बयान जारी कर कहा- ईआरसीपी के काम पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर एमपी सरकार की याचिका राजस्थान को अपने हिस्से के पानी से वंचित करने का प्रयास है। मध्यप्रदेश सरकार ईआरसीपी का काम रुकवाकर पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के हक का पानी रुकवाने की कोशिश कर रही है। ईआरसीपी से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर और अजमेर जिलों को पानी मिलेगा।

केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइन के अनुसार है ERCP
गहलोत ने कहा- ईआरसीपी की डीपीआर केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइंस-2010 के अुनसार बनाई गई है। यह प्रोजेक्ट राजस्थान-मध्य प्रदेश अंतरराज्यीय स्टेट कंट्रोल बोर्ड की बैठक के फैसले के अनुसार बनाया गया है। इसी फैसले को आधार बनाकर मध्य प्रदेश ने अपने यहां कुण्डलिया और मोहनपुरा बांध बनाए हैं। धौलपुर के केंद्रीय जल आयोग के रिवर गेज स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार हर साल चंबल में औसतन 19,000 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बेकार बहकर समुद्र में जाता है। ईआरसीपी के लिए केवल 3500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की ही जरूरत है। राज्य सरकार ईआरसीपी के माध्यम से इस बेकार बहकर जा रहे पानी को राजस्थान की जनता की पेयजल और सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रही है।

केंद्र और मध्यप्रदेश ईआरसीपी बाधाएं डाल रहे, राज्य सरकार इसे पूरा करेगी
गहलोत ने कहा- केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार पूर्वी राजस्थान के हक के पानी को रोकने का अनुचित प्रयास कर रही है। पानी राज्य के लिए बहुत अहम मुद्दा है। ईआरसीपी को लागू करने में कानूनी बाधाएं पैदा करना राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। राजस्थान सरकार राज्य के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए ईआरसीपी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार हर प्लेटफॉर्म पर ईआरसीपी के पक्ष में अपनी बात मजबूती से रखेगी और अपने हक की लड़ाई जीतकर पूर्वी राजस्थान में जल संकट को दूर करेगी।