May 19, 2024

(राजस्थानी चिराग की खास खबर )

नोखामंडी। कल नामांकन वापसी के बाद स्थानीय नगर पालिका चुनाव का घमासान शुरू हो गया है, प्रमुख रूप से विकास मंच व भाजपा के बीच मुकाबला माना जा रहा है, एक दो जगह निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी मुकाबले को रोचक बना रखा है, वह दो राजनैतिक दलों के बीच में चुनाव के आखिरी समय तक अपनी मजबूत स्थिति कायम रख पायेंगे या नहीं, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। नोखा नगरपालिका का चुनाव विकास मंच द्वारा अपने पिछले कार्यकालों में कराये गये विकास कार्यो को मुद्दा बनाकर लड़ा जा रहा है, वही भाजपा अपने विधायक बिहारी विश्नोई के कामों व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट बटोरकर अपनी जीत का आंकलन कर रही है ।

विकास मंच के सुप्रीमों कन्हैया लाल झंवर नोखा के प्रभावशाली माने जाते हैं, और उनकी पहुंच क्षेत्र के करीब करीब सभी लोगों तक है, तथा व्यक्तिगत सभी लोगों की पहचान है, 1973 से नोखा की राजनीति में सक्रिय हैं, क्षेत्र के लोगों के दुख सुख के साथी माने जाते हैं, संघर्षशील चेहरे के रूप में उनकी पहचान है, नोखा नगरपालिका पर अधिकांश उनका ही शासन रहा है और उन्होंने नोखा की पहचान विकासशील कस्बे के रूप में बनाई है, सबसे बड़ी बात यह है कि उनके इतने लंबे राजनैतिक जीवन में आज तक किसी प्रकार का दाग नहीं लगा,वह नोखा विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी बनकर विधायक तथा बाद में संसदीय सचिव भी रह चुके है।

भाजपा का जहां तक सवाल है, वह राष्ट्रीय पार्टी होने के कारण प्रभावशाली तो है, मगर गत लंबे समय से नोखा क्षेत्र में इस पार्टी के स्थानीय नेताओ में से कोई स्थानीय राजनीति में उभर नहीं पाया, और उनकी खामोशी व जन समस्याओं से दूरी अब चुनावों में उनको भारी पड़ रही है, कारण स्थानीय निकाय चुनावों में स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा बात होती है जिसका जबाब वह देने में झिझक रहे है, ऐसी स्थिति में जनता का समर्थन मिल पाने में संदेह लगता है।
यह जरूर कहा जा सकता है कि नोखा के भाजपा विधायक बिहारी विश्नोई का प्रभाव जरूर है, वह एक मात्र ही नोखा में भाजपा के पास चेहरा है जिसकी सहनशीलता व बेदाग छवि तथा प्रभाव भाजपा की शान बचा सकती है, याने स्पष्ट तौर पर कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा को जो कुछ भी सफलता मिलेगी वह बिहारी विश्नोई की मेहनत का ही नतीजा होगा, मगर सवाल उठता है कि क्या अकेले बिहारी विश्नोई के भरोसे भाजपा नोखा नगरपालिका में बहुमत हासिल करने में सफल होगा?

कुल मिलाकर नोखा मंडी नगर पालिका का चुनाव रोचक हो गया है, और स्थिति के अनुसार यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर वहां के विधायक बिहारी विश्नोई चुनावी मैदान नहीं संभालते तो एक तरफा चुनाव होकर रोचकता खत्म हो जाती, कारण स्थानीय भाजपा संगठन में ऐसा कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा है, जिसको स्थानीय निकाय सरकार सौंप देने में जनता सहमत होकर बहुमत दे देती, बोर्ड भाजपा का बनें या नहीं बनें, यह तो चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा, मगर जितने भी वोट मिलेंगे, वह बिहारी विश्नोई की मेहनत व “इमेज” के ही माने जायेंगे।